क्या मशहूर धारावाहिक 'स्वाभिमान' के पहले स्क्रीन टेस्ट में रोहित रॉय असफल हुए थे?

सारांश
Key Takeaways
- रोहित रॉय की कहानी प्रेरणा का स्रोत है।
- असफलता को अवसर में बदलने की क्षमता।
- एक अभिनेता के रूप में बहुमुखी प्रतिभा का महत्व।
- कड़ी मेहनत और दृढ़ता से ही सफलता मिलती है।
- रिलेशनशिप ड्रामा में गहराई को समझना।
मुंबई, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। रोहित रॉय का नाम भारतीय मनोरंजन जगत में एक ऐसी शख्सियत के रूप में जाना जाता है, जो अपनी बहुमुखी प्रतिभा, आकर्षक व्यक्तित्व और निरंतर आगे बढ़ने की जिद के लिए पहचान रखते हैं। 2 अक्टूबर 1968 को नागपुर में जन्मे रोहित ने छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे तक एक प्रेरणादायक सफर तय किया है।
90 के दशक में, जब भारतीय टेलीविजन अपने स्वर्णिम युग में था, तब रोहित रॉय ने धारावाहिक ‘स्वाभिमान’ में रिश्तों की गहराई को जीवंत करने वाले किरदार से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई। उनकी सहज अभिनय शैली और स्क्रीन पर मौजूदगी ने उन्हें हर घर में मशहूर कर दिया। 'क्या हादसा, क्या हकीकत' और 'सरकार' जैसे शो में उनके किरदारों ने साबित किया कि रोहित केवल एक चेहरा नहीं, बल्कि भावनाओं को जीने वाले कलाकार हैं।
टेलीविजन की सफलता के बाद रोहित ने बॉलीवुड में कदम रखा और अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया। 'शूटआउट एट लोखंडवाला' में उनके किरदार ने दर्शकों को उनकी गंभीर अभिनय क्षमता का लोहा मनवाया। 'काबिल' और 'मुंबई सागा' जैसी फिल्मों में उनकी उपस्थिति ने साबित किया कि वह हर प्रकार के रोल में फिट हो सकते हैं।
रोहित रॉय ने 'बिग बॉस' और 'खतरों के खिलाड़ी' जैसे रियलिटी शो में भाग लेकर अपनी बेबाकी और साहस का परिचय दिया। इन शो में उनकी हाजिरजवाबी और सच्चाई ने दर्शकों को उनका एक नया रूप दिखाया। वह केवल एक अभिनेता ही नहीं, बल्कि एक कुशल निर्देशक और निर्माता भी हैं। उनकी प्रोडक्शन कंपनी और निर्देशन में बने प्रोजेक्ट्स ने उनके रचनात्मक पहलू को उजागर किया।
बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने अपने पहले धारावाहिक 'स्वाभिमान' के लिए जो स्क्रीन टेस्ट दिया था, उसमें वह असफल रहे थे। इस सीरियल में रोहित ने ऋषभ मल्होत्रा का किरदार निभाया था, जो बहुत ही हिट हुआ। इस किरदार के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। इस रोल ने रोहित रॉय को रातों-रात स्टार बना दिया था, लेकिन इसकी तैयारी में वह पहले रिजेक्ट हो गए थे।
यह 90 के दशक की बात है, जब रोहित रॉय फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उनके बड़े भाई रोनित रॉय भी उसी दौर में थे। ऐसे में महेश भट्ट के सीरियल 'स्वाभिमान' के लीड रोल के लिए ऑडिशन का कॉल उनके पास आया। इस सीरियल को कुणाल कोहली डायरेक्ट कर रहे थे।
रोहित ने ऋषभ मल्होत्रा के किरदार के लिए पूरी तैयारी के साथ ऑडिशन दिया, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहा। डायरेक्टर कुणाल कोहली ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया। रोहित निराश होकर सेट से बाहर निकलने लगे।
तभी निर्देशक कुणाल कोहली और महेश भट्ट ने उन्हें रोका। कुणाल ने समझाया कि उनका पहला शॉट भले ही दमदार नहीं था, लेकिन उन्होंने रोहित की आँखों में कुछ ऐसा देखा, जो उन्हें इस किरदार के लिए सही लगा।
निर्देशक ने कहा कि इस जटिल किरदार को निभाने के लिए, उन्हें एक खास तरह के 'अकेलेपन और जुनून' की जरूरत है, और ये भावनाएं रोहित रॉय में स्पष्ट रूप से झलकती हैं।
यहीं से उनकी किस्मत बदली, और उन्हें एक बार फिर मौका मिला। अंततः रोहित रॉय को यह रोल मिल गया। रोहित रॉय ने इस किरदार को इतनी शिद्दत और गहराई से निभाया कि ऋषभ मल्होत्रा का किरदार भारतीय टेलीविजन पर एक आइकन बन गया। यह सीरियल उनकी जिंदगी और करियर का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।