क्या इंदिरा गांधी ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाकर अपना हश्र देखा था?

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क्या इंदिरा गांधी ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाकर अपना हश्र देखा था?

सारांश

कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खड़गे के आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने के बयान से नया विवाद खड़ा हो गया है। गिरिराज सिंह ने इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसा करने से उन्हें भी नतीजे भुगतने पड़ेंगे। जानिए इस विवाद की पृष्ठभूमि और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ।

Key Takeaways

  • प्रियंक खड़गे का आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का बयान विवाद का कारण बना।
  • गिरिराज सिंह ने इंदिरा गांधी का उदाहरण देकर प्रतिक्रिया दी।
  • आरएसएस की सामाजिक सेवा कार्यों पर जोर दिया गया।
  • राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान पर भी चर्चा हुई।
  • सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आई हैं।

पटना, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खड़गे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने का विचार व्यक्त कर एक नया विवाद उत्पन्न कर दिया है। उनका कहना है कि यदि उनकी सरकार केंद्र में आती है, तो वे आरएसएस पर पाबंदी लगा देंगे।

इस पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने मंगलवार को प्रतिक्रिया दी और कहा कि इंदिरा गांधी ने भी ऐसा किया था, और उन्होंने इसका परिणाम देखा। वे भी ऐसा कर अपने हश्र को देखेंगे।

पटना में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "आरएसएस ऐसा संगठन है जो जनहित में कार्य करता है। 1971 के युद्ध में आरएसएस ने लोगों की सहायता की थी। जब बाढ़ या अन्य आपदाएँ आती हैं, तब आरएसएस के सदस्य मदद के लिए अग्रसर होते हैं।"

गिरिराज सिंह ने कहा कि शायद प्रियंक को यह नहीं पता होगा कि आरएसएस क्या है। उन्होंने बुधवार को होने वाली भाजपा कार्यसमिति की बैठक के बारे में भी बताया, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे और कार्यसमिति को संबोधित करेंगे।

राजद नेता तेजस्वी यादव के 'लोकतंत्र की जननी बिहार से ही लोकतंत्र को समाप्त करने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं' संबंधी बयान पर गिरिराज सिंह ने कहा कि लालू यादव ने तो अपनी पार्टी में ही लोकतंत्र का गला घोट दिया है। उन्होंने कभी भी लोकतंत्र को स्वीकार नहीं किया।

पटना साहिब के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रियंक खड़गे के बयान पर कहा, "इंदिरा गांधी ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था और चुनाव हार गईं। आज संघ एक विशाल संगठन बन चुका है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पुत्र पर हम क्या टिप्पणी करें?"

तेजस्वी यादव के 'लोकतंत्र की हत्या' संबंधी बयान पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लालू यादव के शासन में बूथ कैप्चर और हत्या ही चुनाव का हिस्सा थे, अब बदलाव आ चुका है। अब जब उन्हें वोट नहीं मिलते तो वे परेशान हैं। वोटर लिस्ट में ईमानदारी की आवश्यकता पर उन्होंने कहा कि इसमें समस्या क्या है?

तेजस्वी यादव के बयान को निंदनीय बताते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संसद में यह कानून पारित हो चुका है और सर्वोच्च न्यायालय में इसकी सुनवाई भी चल रही है। न्यायालय ने कोई स्थगन आदेश नहीं दिया है, फिर भी वे कहते हैं कि इसे उखाड़ फेंक देंगे?

Point of View

NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

आरएसएस क्या है?
आरएसएस, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, एक हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन है जो सामाजिक कार्य और देश की सेवा में सक्रिय है।
प्रियंक खड़गे का बयान क्यों विवादास्पद है?
उनका बयान आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बात करता है, जो भारतीय राजनीति में एक संवेदनशील मुद्दा है।
गिरिराज सिंह ने क्या कहा?
गिरिराज सिंह ने इंदिरा गांधी का उदाहरण देकर बताया कि प्रतिबंध लगाने से क्या नतीजे हो सकते हैं।
तेजस्वी यादव का बयान क्या था?
तेजस्वी यादव ने बिहार में लोकतंत्र को खत्म करने की दिशा में कार्य होने की बात कही थी।
क्या इंदिरा गांधी को आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का खामियाजा भुगतना पड़ा?
जी हाँ, इंदिरा गांधी ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था और बाद में चुनाव हार गई थीं।