क्या सबरीमाला स्वर्ण चोरी मामले में पूर्व टीडीबी सचिव की याचिका खारिज की गई?
सारांश
Key Takeaways
- जयश्री की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हुई।
- एसआईटी की जांच जारी है।
- गिरफ्तारी का खतरा बना हुआ है।
- पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
- वैज्ञानिक सत्यापन किया जा रहा है।
पथानामथिट्टा (केरल), 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सबरीमाला स्वर्ण चोरी मामले में त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) की पूर्व सचिव एस. जयश्री को एक बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने गुरुवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिससे उनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।
आरोपों की गंभीरता और इस मामले की चल रही तहकीकात को ध्यान में रखते हुए एसआईटी हिरासत में पूछताछ के लिए काफी दृढ़ थी।
इस मामले की चौथी आरोपी जयश्री ने अग्रिम जमानत के लिए केरल हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई। जस्टिस के बाबू ने कहा कि आरोपी ने निचली अदालत को नजरअंदाज करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया, जो उचित नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जयश्री ने ऐसा कोई विशेष कारण नहीं बताया जिससे उन्हें निचली अदालत में जाने से रोका जा सके।
इसके बाद पूर्व सचिव ने ट्रायल कोर्ट में अर्जी डाली थी, जिसे गुरुवार को खारिज कर दिया गया।
अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि जयश्री ने टीडीबी सचिव के रूप में और बाद में तिरुवभरणम आयुक्त के पद पर रहते हुए मंदिर के सोने और कीमती वस्तुओं की काफी हेराफेरी की।
आरोप है कि उन्होंने बोर्ड के निर्णयों को नजरअंदाज कर श्रीकोविल (गर्भगृह) से वस्तुओं को सौंपने का आदेश जारी किया। यह फैसला व्यवस्थित हेराफेरी की ओर इशारा करता है।
सेवानिवृत्त जयश्री को उम्मीद थी कि शारीरिक दिक्कतों के कारण उन्हें कोर्ट से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन कोर्ट ने उनकी उम्मीदों के अनुसार निर्णय नहीं दिया।
इस फैसले के बाद जयश्री की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है।
एसआईटी ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें पांच नामजद लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें टीडीबी के पूर्व अध्यक्ष वासु और मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी शामिल हैं।
गुरुवार को एक अन्य टीडीबी अध्यक्ष ए. पद्मकुमार (पूर्व सीपीआई (एम) विधायक) को पूछताछ के लिए बुलाया गया।
गुरुवार को इस केस में प्रमाण एकत्र करने के लिए सबरीमाला सन्निधानम संरचनाओं का वैज्ञानिक सत्यापन भी शुरू कर दिया गया है।
हाईकोर्ट के निर्देशानुसार, एसआईटी ने टीडीबी के माध्यम से मंदिर के तंत्री महेश मोहनारारू से द्वार रक्षक मूर्तियों और मंदिर के गोल्ड प्लेट पैनल्स का परीक्षण करने की अनुमति मांगी है।
जांच के दायरे में उन सभी धातु की परतों और पैनल्स होंगे जो हाल ही में लगाए गए थे।