क्या सचिन चौधरी साइकिल से अमरनाथ यात्रा पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- सचिन चौधरी की यात्रा धार्मिक और सामाजिक संदेश प्रदान करती है।
- जल संरक्षण का महत्त्व समझाना है।
- भाईचारे और एकता का प्रतीक है।
- सुरक्षा व्यवस्था पर विश्वास जताया गया है।
- सफर के दौरान लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ।
जम्मू, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल के सचिन चौधरी ने साइकिल पर सवार होकर अमरनाथ यात्रा की शुरुआत की है। उनका यह सफर न केवल धार्मिक है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय संदेश भी प्रदान कर रहा है। सचिन इस विशेष यात्रा के माध्यम से देशवासियों को जल संरक्षण का महत्त्व समझा रहे हैं।
सचिन ने कहा कि उन्हें घर से निकले हुए आठ महीने और आठ दिन बीत चुके हैं। यह उनकी भारत में दूसरी यात्रा है और इस बार उनका लक्ष्य बाबा बर्फानी के दर्शन करना है। उन्होंने बताया कि वे अभी जम्मू-कश्मीर हाईवे पर यात्रा कर रहे हैं और यह अनुभव बहुत सकारात्मक रहा है। सचिन ने कहा, "जैसे ही मैंने जम्मू में कदम रखा, मुझे बहुत प्यार और समर्थन मिला। जो डर हम लोगों को जम्मू-कश्मीर के बारे में था, वह गलत साबित हुआ। यहाँ सभी धर्मों के लोग एकता और भाईचारे के साथ रहते हैं।"
सचिन ने बताया कि रास्ते में लोग उन्हें खाना, पानी और रुकने के लिए जगह प्रदान कर रहे हैं। गुरुद्वारों में उन्हें न केवल भोजन बल्कि रुकने के लिए कमरे भी मिले। उन्होंने कहा, "भारत के लोग बहुत अच्छे हैं। जितना मैंने सोचा था, उससे कहीं अधिक सहयोग मिला है।" सुरक्षा व्यवस्था की तारीफ करते हुए सचिन ने कहा कि 2025 में अमरनाथ आने के इच्छुक लोग निश्चिंत होकर आएं, क्योंकि यहाँ जगह-जगह सुरक्षा बल तैनात हैं।
सचिन ने सफर के दौरान जहां भी रुकते हैं, लोगों को पेड़-पौधों की कटाई न करने और जल स्रोतों को बचाने का संदेश देते हैं। उनका कहना है, "जब पेड़ रहेंगे, तभी जल रहेगा, और जब जल रहेगा, तभी हम रहेंगे। जंगलों को काटना बंद करें। जल बचाएं, जीवन बचाएं।"
गौरतलब है कि पवित्र अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से आरंभ होने जा रही है। यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अनुसार, इस साल यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी और 9 अगस्त तक चलेगी।