क्या सायरा बानो ने दिलीप कुमार की वैजयंती माला के साथ फोटो को कैंची से काटकर अलग किया था?

सारांश
Key Takeaways
- सायरा बानो का फिल्मी करियर 1960 और 1970 के दशक में था।
- उन्होंने दिलीप कुमार से विवाह किया और बाद में फिल्मों से दूर हो गईं।
- उनकी प्रेम कहानी ने हिंदी सिनेमा में एक नया अध्याय जोड़ा।
- सायरा का दिलीप कुमार के प्रति प्रेम अद्वितीय है।
- दिलीप कुमार की यादें आज भी सायरा के दिल में जीवित हैं।
मुंबई, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सायरा बानो हिंदी सिनेमा की एक ऐसी अदाकारा हैं जिनकी पहचान 1960 और 1970 के दशक में अपने चरम पर थी। उनके प्रशंसक पर्दे पर उन्हें देखने के लिए बेताब रहते थे। सायरा की सुंदरता इतनी आकर्षक थी कि उन्हें टाइम्स की टॉप 50 खूबसूरत भारतीय महिलाओं की सूची में स्थान मिला था।
सायरा बानो का जन्म 23 अगस्त 1944 को हुआ। उनकी मां, नसीम बानो, भी एक प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। अपने करियर में सायरा को चार बार फिल्मफेयर पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया। 17 वर्ष1961 में आई 'जंगली', जिसमें वे शम्मी कपूर के साथ थीं।
इस फिल्म में उनकी सुंदरता और अदाकारी को बहुत सराहा गया और वे तुरंत एक स्टार बन गईं। इसके लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकन मिला। इसके बाद उन्होंने 'शागिर्द', 'दीवाना', 'ब्लफ मास्टर', 'आई मिलन की बेला', 'झुक गया आसमान', 'पड़ोसन', 'विक्टोरिया नंबर 203', 'हेरा फेरी' जैसी कई चर्चित फिल्मों में काम किया।
फिल्मों से ब्रेक लेकर उन्होंने दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार से शादी की। इसके बाद वे फिल्मों में नहीं आईं। उनकी प्रेम कहानी अत्यंत दिलचस्प है। दिलीप कुमार, जो उस समय के सबसे बड़े सुपरस्टार थे, सायरा से 22 वर्ष बड़े थे। शुरू में दिलीप कुमार ने इस रिश्ते को लेकर संकोच किया, लेकिन सायरा के प्यार और समर्पण ने उन्हें शादी के लिए राजी कर दिया। 1966 में उनकी शादी हुई।
जब सायरा लंदन में थीं, तभी से उन्होंने दिलीप कुमार के प्रति मन ही मन प्रेम करना शुरू किया। उनके कमरे की दीवारें दिलीप कुमार की तस्वीरों से भरी रहती थीं। एक बार उनकी मां ने उन्हें एक मैगजीन भेजी जिसमें दिलीप कुमार की फिल्म 'मधुमती' की एक तस्वीर थी। उस तस्वीर में दिलीप कुमार वैजयंती माला के बहुत करीब खड़े थे। यह देखकर सायरा को इतनी जलन हुई कि उन्होंने तुरंत कैंची
बाद में जब वे दिलीप कुमार से मिलीं और यह किस्सा सुनाया, तो दोनों ने इस पर हंसते हुए समय बिताया। यह घटना दिलीप कुमार के प्रति सायरा के गहरे प्यार को दर्शाती है। कहा जाता है कि सायरा बानो दिलीप कुमार को करीब से जानने के लिए ही फिल्म उद्योग में आई थीं। उनके लिए दिलीप कुमार से बढ़कर कोई नहीं था।
हालांकि दिलीप साहब अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन सायरा का उनके प्रति प्यार आज भी कम नहीं हुआ। वे अक्सर सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें साझा करती हैं और उन्हें याद करती हैं। सायरा ने एक पोस्ट में लिखा था, "दिलीप साहब की कमी कभी पूरी नहीं हो सकती… मैं आज भी उनके साथ हूं—सोच में, मन में और जिंदगी में। इस जन्म में भी और अगले जन्म में भी, मेरी आत्मा ने उनके बिना भी उनके साथ चलना सीख लिया है।"