क्या सख्त कानून बनाकर अपराधों को रोका जा सकता है? जन जागरूकता क्यों आवश्यक है: सलीम इंजीनियर

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क्या सख्त कानून बनाकर अपराधों को रोका जा सकता है? जन जागरूकता क्यों आवश्यक है: सलीम इंजीनियर

सारांश

क्या सख्त कानूनों के जरिए अपराधों को रोका जा सकता है? जानें इस ऑनलाइन सम्मेलन में किस तरह से जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

Key Takeaways

  • जागरूकता का निर्माण अपराधों की रोकथाम में महत्वपूर्ण है।
  • सभी धर्मों को मानवीय गरिमा की रक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
  • समाज में नैतिकता का पतन हो रहा है।
  • कानूनों के साथ-साथ शिक्षा भी आवश्यक है।
  • सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना चाहिए।

नई दिल्ली, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने समाज में बढ़ते अपराध और इसकी रोकथाम पर एक ऑनलाइन धार्मिक सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन की अध्यक्षता जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने की। इस सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु और बुद्धिजीवी शामिल हुए, जिनमें स्वामी सुशील गोस्वामी महाराज, स्वामी लोकानंद, फादर नॉर्बर्ट हर्मेन, रब्बी इजाकील इसाक मलिकर, मर्ज़बान नरीमन जवाला और सिस्टर बी के हुसैन शामिल थे।

अपने अध्यक्षीय भाषण में, प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने समाज में बढ़ते अपराधों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मनुष्य इस धरती पर ईश्वर की सर्वोच्च रचना है और केवल सख्त कानून बनाकर अपराधों को नहीं रोका जा सकता। जब तक समाज में अपराध के खिलाफ जागरूकता पैदा नहीं होगी, तब तक अपराधों को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी बताया कि मानवीय गरिमा की रक्षा सभी धर्मों की मूल शिक्षाओं में निहित है। हालाँकि, इसके बावजूद, मनुष्य अपराध में लिप्त है और मानवीय रिश्तों का हनन हो रहा है।

विश्व स्तर पर हो रहे अपराधों का उल्लेख करते हुए, प्रोफेसर सलीम ने कहा कि यूक्रेन और फ़िलिस्तीन में मानवता के खिलाफ युद्ध अपराध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें समाज में अपराधों के खिलाफ लोगों की चेतना जागृत करने की आवश्यकता है। सरकार को शांति और कानून का पालन सुनिश्चित करना चाहिए और ऐसे समाज का निर्माण करना चाहिए जो सभी प्रकार के अपराधों से मुक्त हो।

सर्व धर्म संसद के स्वामी सुशील गोस्वामी महाराज ने इस महत्वपूर्ण विषय पर सम्मेलन आयोजित करने के लिए जमाअत-ए-इस्लामी हिंद की सराहना की। उन्होंने कहा कि समाज में होने वाले किसी भी अपराध से पूरा समाज प्रभावित होता है।

स्वामी लोकानंद ने कहा कि यह मुद्दा देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मनुष्य में मानवता का लोप हो गया है।

मर्ज़बान नरीमन ज़वाला ने अपराधों के मनोवैज्ञानिक पहलू पर बात की और कहा कि अपराध हर युग में होते रहे हैं। हमें नकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच में बदलने की आवश्यकता है।

सिस्टर बी के. हुसैन ने कहा कि समाज नैतिक पतन की ओर बढ़ रहा है और हमें इस पर गंभीरता से विचार करना होगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि समाज में अपराधों की बढ़ती प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए जागरूकता और शिक्षा दोनों की आवश्यकता है। केवल कानूनों से समस्या का समाधान नहीं होगा। हमें एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या केवल सख्त कानूनों से अपराधों को रोका जा सकता है?
नहीं, सख्त कानूनों के साथ-साथ समाज में जागरूकता और शिक्षा की आवश्यकता है।
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
सम्मेलन का उद्देश्य समाज में बढ़ते अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाना था।
कौन-कौन से धर्मगुरु इस सम्मेलन में शामिल हुए?
स्वामी सुशील गोस्वामी महाराज, स्वामी लोकानंद, फादर नॉर्बर्ट हर्मेन और अन्य प्रमुख धर्मगुरु शामिल हुए।
क्या समाज में नैतिकता की कमी हो रही है?
हाँ, कई वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि समाज नैतिक पतन की ओर बढ़ रहा है।
अपराध रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए?
अपराध रोकने के लिए शिक्षा, जागरूकता और सामाजिक सहयोग की आवश्यकता है।