क्या सलिल देशमुख ने शरद पवार की पार्टी से इस्तीफा दिया?
सारांश
Key Takeaways
- सलिल देशमुख ने स्वास्थ्य कारणों से एनसीपी से इस्तीफा दिया।
- उन्होंने शरद पवार का आभार व्यक्त किया।
- आगामी चुनावों में वह ईमानदार नेताओं का समर्थन करेंगे।
- राजनीति से 6 महीने का ब्रेक लेने का निर्णय लिया।
- काटोल सीट पर चुनाव हारने के बाद लिया गया यह निर्णय महत्वपूर्ण है।
नागपुर, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के पुत्र सलिल देशमुख ने एनसीपी (शरदचंद्र पवार) से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के प्रमुख शरद पवार और सांसद सुप्रिया सुले को अपना इस्तीफा भेजते हुए बताया कि वह स्वास्थ्य कारणों से पार्टी छोड़ रहे हैं।
सलिल देशमुख ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मैं शरद पवार और उनके परिवार का, साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) का भी आभारी हूं। उन्होंने मुझे और मेरे परिवार को जो सम्मान और समर्थन दिया है, उसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं। उनके मार्गदर्शन से मैं कई विकास परियोजनाओं को लागू कर सका हूं। मैंने लोगों के सहयोग से कई कार्य किए और ईमानदारी से कार्य करने का अवसर मिला।"
उन्होंने बताया कि हाल ही में डॉक्टरों ने मुझे कुछ महीने आराम करने की सलाह दी है, इसलिए मैं एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। अगर मैं सदस्य बना रहूँ और सक्रिय नहीं रहूँगा तो यह उचित नहीं होगा, इसलिए मैंने यह निर्णय लिया है। मैं अभी आराम करूंगा।
सलिल देशमुख ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा शरद पवार, सुप्रिया सुले, प्रदेश अध्यक्ष, और अन्य वरिष्ठ नेताओं को भेज दिया है। लोकल बॉडी चुनाव में मैं अच्छे और ईमानदार नेताओं का प्रचार करने के लिए हमेशा तैयार रहूँगा, जहाँ मैं कर सकता हूँ, वहाँ तक करूंगा। मैं केवल आराम करने के लिए सक्रिय सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ।
दूसरी पार्टी की सदस्यता लेने के बारे में उन्होंने कहा कि मैं अभी किसी पार्टी या संगठन में शामिल नहीं होने वाला हूँ, मैं कम से कम 6 महीने के लिए राजनीति से दूर रहूँगा, इसके बाद आगे की योजना बनाऊँगा।
गौरतलब है कि सलिल देशमुख ने एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की ओर से काटोल सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वे चुनाव हार गए। सलिल देशमुख राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के बेटे हैं। लोकल बॉडी चुनाव से ठीक पहले सलिल देशमुख का इस्तीफा शरद पवार गुट के लिए एक बड़ा झटका है।