क्या समाजवादी पार्टी ने विधानमंडल मानसून सत्र में हंगामा किया?

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क्या समाजवादी पार्टी ने विधानमंडल मानसून सत्र में हंगामा किया?

सारांश

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू हुआ, जिसमें समाजवादी पार्टी ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सदस्यों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और विभिन्न मुद्दों को उठाया। जानिए किस प्रकार सपा ने सरकार का विरोध किया और इसके पीछे का मुख्य कारण क्या है।

Key Takeaways

  • समाजवादी पार्टी ने विधानमंडल में हंगामा किया।
  • सरकार के खिलाफ स्लोगन और बैनर का इस्तेमाल किया गया।
  • सपा के विधायक विशेष ड्रेस में नजर आए।
  • भाजपा सरकार की नाकामियां छुपाने का आरोप।
  • सत्र में विकास के मुद्दे उठाए जाएंगे।

लखनऊ, ११ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र आज से आरम्भ हो गया है। इससे पूर्व मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने जोरदार हंगामा किया। सपा के सदस्यों ने हाथ में सरकार के खिलाफ लिखे हुए स्लोगन की तख्तियां पकड़ी हुई थीं। वे सरकार को पीडीए पाठशाला, स्वास्थ्य व्यवस्था, बाढ़ जैसे मुद्दों पर घेरने में लगे थे।

समाजवादी पार्टी के विधायक संग्राम यादव, आरके वर्मा, फहीम, जय प्रकाश अंचल, नफीस अहमद, और अन्य विधायक तथा विधान परिषद सदस्य विधानसभा परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास इकट्ठा हुए और सरकार के खिलाफ ‘आप चलाइए मधुशाला, हम चलाएंगे पीडीए पाठशाला’ जैसे नारे लगाए।

सपा के विधायक हाथ में बैनर, पोस्टर और प्लेकार्ड लिए हुए थे, जिनमें सरकार विरोधी नारे लिखे गए थे। समाजवादी पार्टी के विधायक सचिन यादव एक विशेष ड्रेस में दिखाई दिए। उनके काले कुर्ते में 'बेरोजगारी', 'भ्रष्टाचार', और 'आत्महत्या' जैसे शब्द लिखे गए थे। उन्होंने 'डिग्री' लिखा एक कागज अपने हाथ में फोल्ड करके रखा था। उनकी ड्रेस छात्रों की डिग्री लेने के समय पहने जाने वाली थी। वे अलग तरीके से विरोध कर रहे थे।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भाजपा सरकार अपनी नौ साल की नाकामियों को छुपाने के लिए चार दिन में एक दिन चौबीस घंटे का विधानसभा सत्र आयोजित करना चाहती है। भाजपा सरकार पूरी तरह से विफल है और अपनी नाकामियों और विकास के झूठे एजेंडों को छुपाने के लिए यह सत्र आयोजित किया गया है। इस सत्र के चार दिन चलने से भी प्रदेश की स्थिति और विकास में कोई सुधार नहीं आएगा। सिंचाई की उचित व्यवस्था भाजपा सरकार नहीं दे पाई है, बाढ़ को पूरे प्रदेश में रोक नहीं पाई है और इनके मंत्री कहते हैं कि प्रकृति से कैसे लड़ा जाए? कम से कम बाढ़ से निपटने के लिए व्यवस्था तो की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग की स्थिति आप लोगों ने देख ही ली। दो दिन की बारिश ने लखनऊ की सड़कों का बुरा हाल कर दिया है; ऐसा लगता है कि धूल भरी आंधी चल रही है। लखनऊ में यह स्थिति है, तो पूरे प्रदेश का क्या हाल होगा? भाजपा सरकार राजस्व नहीं बढ़ा पा रही, भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, महिला सुरक्षा का बुरा हाल है, स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट है, मधुशालाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है, और पाठशालाओं में कटौती हो रही है। बिजली न होने के कारण पूरा प्रदेश त्राहिमाम कर रहा है। ऐसी स्थितियों में सुधार तभी संभव है जब भाजपा की सरकार को हटाकर समाजवादी पार्टी की सरकार 2027 में बनेगी।

मानसून सत्र को लेकर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि विभिन्न विधेयकों पर चर्चा के साथ-साथ सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्रों के मुद्दे भी उठाएंगे। हमारी सरकार प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है। विपक्ष को सदन में सकारात्मक मुद्दे उठाने चाहिए।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि समाजवादी पार्टी का यह विरोध केवल सत्ता की राजनीति नहीं है, बल्कि यह प्रदेश के लोगों की समस्याओं का भी एक स्वरूप है। हमें सरकार के कार्यों को गंभीरता से लेना चाहिए और विपक्ष के सवालों का जवाब देना होगा।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

मानसून सत्र में समाजवादी पार्टी ने क्या मुद्दे उठाए?
समाजवादी पार्टी ने सरकार के खिलाफ पीडीए पाठशाला, स्वास्थ्य व्यवस्था, और बाढ़ जैसे मुद्दों को उठाया।
उप मुख्यमंत्री ने सत्र के बारे में क्या कहा?
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्रों के मुद्दे उठाएंगे और सरकार प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है।