क्या बिहार चुनाव में समस्तीपुर में सड़क किनारे हजारों वीवीपैट पर्चियां मिलना एक गंभीर मुद्दा है?
सारांश
Key Takeaways
- वीवीपैट पर्चियों का मिलना चुनावी प्रक्रिया में लापरवाही को दर्शाता है।
- प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है।
- इस घटना ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाया है।
- राजद ने इस मुद्दे पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
- जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
समस्तीपुर, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के समस्तीपुर जिले में सड़क किनारे वीवीपैट की पर्चियों के मिलने पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। इस मामले में एफआईआर के बाद लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की प्रक्रिया शुरू की गई है।
समस्तीपुर जिला प्रशासन में हड़कंप उस समय मचा जब सूचना मिली कि सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के गुड़मा गांव में कूड़े के ढेर में हजारों वीवीपैट पर्चियां पड़ी हैं। प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंची। समस्तीपुर के जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने भी स्थल का निरीक्षण किया और विधानसभा के सभी प्रत्याशियों को भी बुलाया गया।
इसके बाद, प्रशासनिक टीम ने इन पर्चियों को अपने कब्जे में लिया और आवश्यक कार्रवाई शुरू की।
जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने बताया कि सूचना मिलने पर यह पाया गया कि सरायरंजन थाना क्षेत्र में वीवीपैट की पर्चियां कूड़े के ढेर में पाई गई हैं। उन्होंने कहा कि यह एक तकनीकी मामला है और जांच के बाद सभी पहलू स्पष्ट हो जाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि कमीशनिंग के दौरान मॉक पोल भी होता है। लगभग 5 प्रतिशत मशीनों पर एक हजार का मॉक पोल होता है, जिसमें उम्मीदवारों की कमीशनिंग के समय सभी बटन दबाकर सिंबल की जांच की जाती है।
समस्तीपुर के एसपी ने कहा, "शनिवार को सरायरंजन थाना के अंतर्गत ग्राम-गुड़मा में कूड़े के ढेर से कुछ कटी और बिना कटी हुई चुनाव संबंधी पर्चियां मिलीं। विभिन्न दलों के प्रत्याशियों की मौजूदगी में सभी पर्चियों को जब्त कराया गया। यह स्थान सरायरंजन विधानसभा स्थित डिस्पैच सेंटर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर है।"
उन्होंने आगे कहा, "इस घटना के संदर्भ में सरायरंजन थाना में प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से लापरवाह कर्मियों को निलंबित किया जा रहा है।"
इस घटना को लेकर राजद ने सवाल उठाए हैं। राजद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में भारी संख्या में वीवीपैट पर्चियां मिलीं। कब, कैसे, क्यों और किसके इशारे पर इन पर्चियों को फेंका गया? क्या चोर आयोग इसका जवाब देगा? क्या यह सब बाहर से आकर बिहार में डेरा डाले लोकतंत्र के डकैत के निर्देश पर हो रहा है?"