क्या 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' की समृद्धि शुक्ला ने मेंटल हेल्थ पर चर्चा की?
सारांश
Key Takeaways
- अकेलापन से निपटने के लिए ब्रीदिंग तकनीक मददगार हो सकती है।
- परिवार और दोस्तों का समर्थन मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
- अच्छे पॉडकास्ट और किताबें प्रेरणा दे सकती हैं।
- खुले संवाद से मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।
- हर व्यक्ति को अपनी भावनाओं को साझा करने के लिए एक साथी की आवश्यकता होती है।
मुंबई, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजन शाही का धारावाहिक 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' हमेशा दर्शकों का प्रिय रहा है और इस शो ने अब तक चार पीढ़ियों की कहानी को दर्शाया है।
शो में अभीरा का किरदार निभाने वाली समृद्धि शुक्ला ने जीवन के कठिन समय पर अपनी बात रखी।
टीवी की अभीरा ने राष्ट्र प्रेस के साथ अपने काम और अकेलेपन के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि शूटिंग के दौरान खुद के लिए समय निकालना बेहद कठिन होता है, जिससे उनकी सामाजिक जिंदगी प्रभावित होती है।
उन्होंने कहा, "एक समय ऐसा था जब मुझे लगता था कि मैं डिप्रेशन और अकेलेपन से गुजर रही हूं। मुझे अकेलापन महसूस होता था क्योंकि मैं एक ऐसी जिंदगी जीना चाहती थी जिसमें मैं सब कुछ कर सकूं, लेकिन टीवी सेट पर कई घंटों तक शूटिंग करना और खुद के लिए समय निकालना मुश्किल हो जाता है।"
मेंटल हेल्थ और अकेलेपन पर बात करते हुए समृद्धि शुक्ला ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी इन समस्याओं को किसी से छिपाया नहीं, बल्कि खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि इन चुनौतियों से बाहर आने के लिए उन्होंने अपने वर्तमान पर ध्यान केंद्रित किया और खुद को शांत रखने के लिए ब्रीदिंग तकनीक सीखी।
एक्ट्रेस ने आगे कहा कि ब्रीद इन, ब्रीद आउट जैसी तकनीकों ने उन्हें अकेलेपन से बाहर निकलने में मदद की। उन्होंने अपने दोस्तों और परिवार को खास धन्यवाद दिया, क्योंकि उनके समर्थन के कारण वे गहरे विचारों से बाहर आ सकीं।
उन्होंने कहा, "अच्छे पॉडकास्ट, किताबें और इंटरनेट से यह एहसास होता है कि आप अकेले नहीं हैं।"
एक्ट्रेस ने कहा, "परिवार, दोस्त और समाज तीनों मेंटल हेल्थ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर ये साथ हैं, तो हर परिस्थिति का सामना किया जा सकता है। हर व्यक्ति को एक ऐसा साथी चाहिए जिससे वह अपनी भावनाओं को साझा कर सके और यह महसूस कर सके कि वह अकेला नहीं है।"