क्या संविधान दिवस पर श्री आनंदपुर साहिब में पंजाब विधानसभा का सत्र आयोजित हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- संविधान दिवस पर मॉक सत्र का आयोजन
- विद्यार्थियों ने राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की
- लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का अनुभव
- गुरसेवक सिंह की प्रभावी भूमिका
- राजनीतिक जागरूकता को बढ़ावा
श्री आनंदपुर साहिब, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के संविधान दिवस के मौके पर बुधवार को श्री आनंदपुर साहिब में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के संबंध में स्थापित की गई पंजाब विधानसभा में पंजाब के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों द्वारा विधान सभा का मॉक सत्र आयोजित किया गया।
हालांकि यह मॉक सत्र था, लेकिन जिस प्रकार पंजाब के 117 विधायकों के प्रतिनिधियों ने अपनी भूमिका निभाई, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो पंजाब विधान सभा का सत्र चल रहा हो। धूरी के विधायक एवं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के प्रतिनिधि स्कूल ऑफ एमिनेंस घनौरी कलां के छात्र हरिकमलदीप सिंह ने सदन की पूरी कार्यवाही के दौरान विपक्ष के हमलों को तथ्यों के आधार पर बेअसर कर दिया।
विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के प्रतिनिधि, सरकारी आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोटधंदल के छात्र हरप्रीत सिंह ने पंजाब से संबंधित कई मुद्दे उठाए और उनकी मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि से कई बार तीखी नोक-झोंक हुई।
विधानसभा क्षेत्र कोटकपूरा से विधायक एवं पंजाब विधानसभा सभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां के प्रतिनिधि एच.एस.एन. स्कूल ऑफ एमिनेंस जैतो के छात्र जगमंदर सिंह ने सदन की कार्यवाही को बेहतरीन ढंग से चलाया और सत्ताधारी पक्ष तथा विपक्ष के बीच हुए झगड़ों को बड़ी गंभीरता से सुलझाया। सत्र के दौरान उन्होंने कार्यवाही दो बार स्थगित की।
श्री आनंदपुर साहिब से विधायक एवं पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के प्रतिनिधि स्कूल ऑफ एमिनेंस कीरतपुर साहिब के छात्र दलजीत सिंह ने पंजाब सरकार की शिक्षा क्रांति के बारे में सदन को अवगत कराया।
सत्र के दौरान पट्टी से विधायक एवं कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के प्रतिनिधि छात्र पीएम श्री सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल हरिके पत्तन के गुरसेवक सिंह द्वारा निभाई गई भूमिका की दर्शकों ने खूब सराहना की।
गुरसेवक सिंह ने पूरी कार्यवाही के दौरान विपक्ष द्वारा सरकार पर उठाए गए सवालों का जोर-शोर से जवाब दिया। गुरसेवक सिंह की शैली ऐसी थी जैसे कि वे कोई वरिष्ठ विधानकार हों।