क्या संविधान की रक्षा करना हम सब का कर्तव्य है? तहसीन पूनावाला
सारांश
Key Takeaways
- संविधान का महत्व: संविधान हमारे देश की नींव है और इसकी रक्षा करना आवश्यक है।
- तहसीन पूनावाला का दृष्टिकोण: संविधान दिवस पर उन्होंने सभी नागरिकों से संविधान की रक्षा करने की अपील की।
- महान नेताओं का योगदान: संविधान के निर्माता डॉ. अंबेडकर और अन्य महान नेताओं का योगदान अद्वितीय है।
- भारत और पाकिस्तान की तुलना: भारत ने प्रगति की है जबकि पाकिस्तान में संविधान में बदलाव होते रहे हैं।
- राजनीतिक नेताओं की भागीदारी: संविधान दिवस पर विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने अपने विचार साझा किए।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। संविधान दिवस पर राजनीतिक विश्लेषक और सलाहकार तहसीन पूनावाला ने बुधवार को कहा कि भारत के संविधान के पहले चार शब्द ‘हम भारत के लोग’ को प्राथमिकता दी गई है।
तहसीन पूनावाला ने आगे कहा कि मैं संविधान दिवस पर सभी नागरिकों को दिल से शुभकामनाएं देना चाहता हूं। संविधान के निर्माता, डॉ. बीआर अंबेडकर, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आजाद, और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे महान नेताओं ने यह सुनिश्चित किया कि जब देश आजाद होगा, तो संविधान में सबसे ऊंची जगह ‘हम भारत के लोग’ को दी जाएगी।
भारत और पाकिस्तान एक ही समय पर स्वतंत्र हुए। यदि दोनों देशों की तुलना की जाए, तो वर्तमान में भारत कई गुना आगे बढ़ चुका है। इसका मुख्य कारण पाकिस्तान के संविधान में बार-बार किए गए बदलाव हैं। इसलिए, यह हमारा कर्तव्य है कि हम बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान की रक्षा करें। हमें संविधान द्वारा स्थापित कानूनों का पालन करना चाहिए और देश को प्रगतिशील बनाने में सहयोग देना चाहिए।
इसी बीच, रांची में पुरानी विधानसभा क्षेत्र में संविधान दिवस पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें कांग्रेस के नेताओं और पदाधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व मंत्री रामेश्वर उरांव, झारखंड के मंत्री राधा कृष्ण किशोर, और रांची विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. अमर कुमार चौधरी शामिल हुए और अपने विचार साझा किए।
संविधान दिवस पर पीएम मोदी के बयान पर कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने कहा कि यह सुनने में कुछ नया है। उनके साथ के लोग हमेशा संविधान में बदलाव की बात करते हैं, लेकिन यह जानकर अच्छा लगा कि वह संविधान का सम्मान करते हैं, वरना कुछ लोग हैं जो कहते हैं कि हम 2014 के बाद आजाद हुए।