क्या विपक्ष के दबाव में सरकार ने संचार साथी ऐप की अनिवार्यता को वापस लिया?

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क्या विपक्ष के दबाव में सरकार ने संचार साथी ऐप की अनिवार्यता को वापस लिया?

सारांश

नई दिल्ली में संचार साथी ऐप के प्री इंस्टॉलेशन को लेकर उठे विवाद में सरकार ने कहा है कि यूजर इसे कभी भी हटा सकता है। कांग्रेस सांसदों ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए इसे यू-टर्न बताया है। क्या यह सच में जनता की जीत है?

Key Takeaways

  • सरकार ने संचार साथी ऐप की अनिवार्यता को समाप्त किया।
  • कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार का विरोध किया।
  • यूजर ऐप को कभी भी हटा सकता है।
  • सरकार के निर्णय पर पुनर्विचार किया गया।
  • यह जनता की जीत है।

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मोबाइल में संचार साथी ऐप के प्री इंस्टॉलेशन को लेकर चल रहे विवाद के बीच, सरकार ने संसद में यह स्पष्ट किया है कि इस ऐप को मोबाइल यूजर कभी भी हटा सकता है। इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और मणिकम टैगोर ने सरकार पर तीखा हमला किया है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि पहले सरकार ने मोबाइल निर्माताओं को संचार साथी ऐप को प्रीइंस्टॉल करने का आदेश दिया था। जब लोगों ने इसका विरोध किया और विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया, तब शायद सरकार को समझ आ गया कि यह उच्चतम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ है। इसके बाद उन्होंने इसे वापस लेने का निर्णय लिया। अब सरकार को अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए।

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि यह एक साधारण बात है कि ऐप को प्रीलोडेड नहीं होना चाहिए। महिलाओं और बच्चों के फोन में इसे नहीं होना चाहिए। यही हमारा मुद्दा था। सभी ने इसका विरोध किया था। लोकसभा और राज्यसभा में हमने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया।

उन्होंने कहा कि जब हमने इसे जोर-शोर से उठाया, तब सरकार ने यू-टर्न लिया। उन्होंने तंज में कहा कि यह सरकार यू-टर्न वाली सरकार है। पहले निर्णय लिया जाता है और फिर उस पर विचार किया जाता है। उन्हें पहले सोचकर निर्णय लेना चाहिए था।

मणिकम टैगोर ने कहा कि सरकार ने इसे वापस लेने का निर्णय हमारे विरोध के बाद किया है। यह हम सभी की जीत है। जिन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई, यह उनकी भी जीत है।

सरकार ने मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। यह जानकारी संचार मंत्रालय की ओर से बुधवार को दी गई। सरकार का यह कदम उस समय उठाया गया है जब संचार साथी ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन पर विवाद बढ़ गया था और कई विपक्षी नेताओं और पक्षकारों ने इस निर्णय पर सवाल उठाए थे।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि संचार साथी का उपयोग पूरी तरह से उपभोक्ता पर निर्भर करता है। यूजर चाहे तो इसे अपने मोबाइल में पंजीकरण के माध्यम से सक्रिय कर सकता है या आवश्यकता न होने पर अपने मोबाइल से हटा भी सकता है।

Point of View

NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या संचार साथी ऐप को हटाया जा सकता है?
हाँ, संचार साथी ऐप को मोबाइल यूजर कभी भी हटा सकता है।
सरकार ने संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल करने का निर्णय क्यों लिया था?
सरकार ने मोबाइल निर्माताओं को ऐप को प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश दिया था, लेकिन इसके खिलाफ लोगों ने आपत्ति जताई।
कांग्रेस सांसदों ने इस मुद्दे पर क्या कहा?
कांग्रेस सांसदों ने सरकार पर निशाना साधते हुए इसे यू-टर्न बताया है।
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