क्या अब महाराष्ट्र के सांगली जिले का इस्लामपुर होगा ईश्वरपुर?

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क्या अब महाराष्ट्र के सांगली जिले का इस्लामपुर होगा ईश्वरपुर?

सारांश

सांगली जिले में इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। यह निर्णय स्थानीय संस्कृति और भावनाओं का सम्मान करते हुए लिया गया है। जानिए इस नाम परिवर्तन का महत्व और इसके पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • इस्लामपुर का नया नाम ईश्वरपुर होगा।
  • यह निर्णय स्थानीय संस्कृति को सम्मानित करने के लिए लिया गया है।
  • भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने नाम परिवर्तन की प्रक्रिया को मंजूरी दी है।

सांगली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के सांगली जिले के इस्लामपुर शहर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने का प्रस्ताव भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने स्वीकृत कर लिया है।

यह निर्णय गृह मंत्रालय, भारत सरकार के १३ अगस्त २०२५ के पत्र के आधार पर लिया गया है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने इस प्रस्ताव की जांच और स्थल सत्यापन के बाद इसे मंजूरी दी है।

इस्लामपुर नगर परिषद ने ४ जून २०२५ को संकल्प संख्या ८२५ के तहत शहर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने का प्रस्ताव पारित किया था। महाराष्ट्र सरकार के इस प्रस्ताव को वरिष्ठ डाकघर अधीक्षक, सांगली और सहायक मंडल अभियंता, मध्य रेलवे, मिराज ने भी अनापत्ति प्रमाण पत्र देकर समर्थन किया है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने अपने परीक्षण में पाया कि प्रस्तावित नाम परिवर्तन मान्य प्रक्रियाओं के अनुरूप है।

नाम परिवर्तन के लिए देवनागरी और रोमन वर्तनी में शुद्ध नाम "ईश्वरपुर" तय किया गया है। यह लिप्यंतरण (ट्रांसलिटरेशन) भारतीय लिपियों की ध्वनियों को सटीक रूप से दर्शाने के लिए डायक्रिटिक्स पद्धति के अनुसार किया गया है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने सुझाव दिया है कि नाम परिवर्तन का गजट नोटिफिकेशन जारी होने पर इसकी प्रति उनके देहरादून स्थित मुख्य कार्यालय और पुणे के महाराष्ट्र एवं गोवा भू-स्थानिक निदेशालय को भेजी जाए।

यह नाम परिवर्तन सांगली जिले के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस्लामपुर, जो अब ईश्वरपुर कहलाएगा, सांगली जिले का एक प्रमुख शहर है। इस बदलाव से स्थानीय लोगों की भावनाओं और सांस्कृतिक पहचान को सम्मान देने का प्रयास किया गया है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग के अधीक्षण सर्वेक्षक तुषार वैश्य ने इस संबंध में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखकर औपचारिक अनुरोध किया है कि गजट अधिसूचना जल्द जारी की जाए।

इसके साथ ही, विभाग ने गृह मंत्रालय, भारत के महासर्वेक्षक कार्यालय, पश्चिमी क्षेत्र जयपुर और पुणे निदेशालय को इसकी जानकारी भेजी है।

Point of View

बल्कि यह प्रशासन की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। इस कदम से स्थानीय लोगों की भावनाओं को महत्व दिया गया है, और यह उम्मीद की जा रही है कि इससे सांस्कृतिक समरसता में वृद्धि होगी।
NationPress
24/10/2025