क्या संसद में हंगामे पर पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी रहेगा?
सारांश
Key Takeaways
- संसद में विपक्ष ने एसआईआर पर चर्चा की मांग की।
- हंगामे के चलते पहला दिन प्रभावित हुआ।
- राजीव शुक्ला ने चुनाव में धांधली की बात की।
- भाजपा सांसदों ने विपक्ष की स्थिति पर सवाल उठाए।
- संविधान की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष ने एसआईआर सहित कई मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। इसके चलते पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। इस पर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एसआईआर और वोट चोरी के मुद्दे पर पिछले सत्र में भी हंगामा हुआ था, जिससे वह बर्बाद हो गया। लेकिन सरकार ने इस पर चर्चा नहीं करवाई।
उन्होंने कहा कि आखिर सरकार इस पर चर्चा क्यों नहीं कराती, पता नहीं क्यों डरती है।
राजीव शुक्ला ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि चुनाव में इतनी धांधली हो रही है, वोट काटे जा रहे हैं और फर्जी लोगों को जोड़ा जा रहा है। इस पर एक बार चर्चा करवानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि जब जीत गए हैं तो सबको टिप्स दे रहे हैं और यदि जीत नहीं हुई होती तो कहाँ से टिप्स देते।
भाजपा के सांसद बीएल शर्मा ने सदन में विपक्ष के हंगामे पर कहा कि विपक्ष की करारी हार हुई है और वह इसे पचा नहीं पा रहा है। अगर यही हाल रहा तो उनकी स्थिति और भी खराब होने वाली है। भारत की जनता उम्मीदों के साथ सदन में भेजती है। इस तरह की हरकत ठीक नहीं है। आने वाले समय में यदि कोई भी सदस्य ऐसा करता है तो यह सदन के आचरण के खिलाफ है।
वहीं, भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने एसआईआर का विरोध करने पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि चोर ही शोर मचाता है। हरियाणा और दिल्ली में कौन सा एसआईआर था? बिहार में हुए एसआईआर में राजद ने सहयोग किया था। यह कोई मुद्दा नहीं है। पीएम मोदी को चुनौती देने वाला कोई नहीं है। कोरोना काल के दौरान और तमाम देशों को मदद करने के बाद भी आज भारत की अर्थव्यवस्था कहाँ से कहाँ पहुँच गई है। विपक्ष के पास हंगामा छोड़कर कोई मुद्दा ही नहीं है। एसआईआर एक संविधानिक प्रक्रिया है, इसे आप चुनौती देंगे?
उन्होंने राहुल गांधी का बिना नाम लिए तंज कसते हुए कहा कि संविधान हाथ में लेकर घूमने वाले लोगों को समझना चाहिए कि संविधान जीने का सहारा है। भारत में कोई ईश्वर या अल्लाह नहीं है। सबसे शक्तिशाली संविधान है।