क्या संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर और कांवड़ यात्रा पर सत्तापक्ष-विपक्ष में तीखी बहस हुई?

Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंदूर पर सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी बहस हुई।
- कांवड़ यात्रा ने विपक्ष को चौंका दिया।
- सरकार ने सभी दलों को विश्वास में लेने का दावा किया।
- कांग्रेस ने चर्चा से बचने का आरोप लगाया।
- संसद में बहस लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जैसे ही संसद का मानसून सत्र आरंभ हुआ, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और अन्य मुद्दों पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ गई है। समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में विभिन्न नेताओं ने ऑपरेशन सिंदूर, कांवड़ यात्रा समेत अन्य मुद्दों पर विचार साझा किए।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में सभी दलों को पहले ही विश्वास में लिया था। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह उन नेताओं से डरती है, जो भारत और राष्ट्रवाद के पक्ष में बोलते हैं। विपक्षी दलों के नेताओं ने विदेश जाकर ऑपरेशन सिंदूर और भारत की ताकत का समर्थन किया, जिससे कांग्रेस को डर है कि ये लोग उनके राजनीतिक दुश्मन बन जाएंगे।
उन्होंने कांवड़ यात्रा पर विपक्ष के सवालों को लेकर तंज कसा और कहा कि विपक्ष को उम्मीद थी कि यात्रा में पत्थरबाजी होगी, लेकिन इस बार यात्रियों ने एक-दूसरे का स्वागत किया और माला पहनाई, जिससे विपक्ष परेशान है।
भाजपा सांसद रवि किशन ने ऑपरेशन सिंदूर को "विजय का उत्सव" करार देते हुए कहा, "हमने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। यह हमारे लिए गर्व का दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए धन्यवाद।"
वहीं, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा, "पहलगाम की घटना के बाद भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया, जिसे कई देशों ने समर्थन दिया।"
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने सत्र को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उत्सव बताया और कहा, "जो लोग सेना के शौर्य और देश की जीत पर सवाल उठाते हैं, वे देश की सेवा को कमतर आंक रहे हैं। भारत आज सीधा जवाब देता है, फिर भी विपक्ष सवाल उठाता है।"
कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से बचने का आरोप सत्तापक्ष पर लगाया। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, "हम चाहते हैं कि सदन में हर मुद्दे पर खुलकर चर्चा हो। सरकार को ऑपरेशन सिंदूर और विजय उत्सव के बारे में स्पष्ट जवाब देना चाहिए। हमने विशेष सत्र की मांग की थी, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई।"
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की उपलब्धियों पर सवाल उठाते हुए कहा, "पहलगाम के आतंकी कहां गए? सरकार को जवाब देना चाहिए। विदेश नीति बर्बाद है, किसान परेशान हैं, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। इन मुद्दों पर भी चर्चा जरूरी है।"
कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम ने भी ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम की घटना पर व्यापक बयान की मांग की और कहा, "भारत गुट ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। हमें ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम, और एयर इंडिया दुर्घटना पर चर्चा करनी होगी। सरकार को हमारे अनुरोध पर सार्थक जवाब देना चाहिए।"