क्या संसद में वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी का भाषण प्रेरणादायी था?: अनुराग ठाकुर

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क्या संसद में वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी का भाषण प्रेरणादायी था?: अनुराग ठाकुर

सारांश

संसद में वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी का भाषण एक ऐतिहासिक घटना है। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने इसे प्रेरणादायी बताया। जानिए इस भाषण के पीछे छिपे संदेश और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • वंदे मातरम भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
  • पीएम मोदी का भाषण ऐतिहासिक महत्व रखता है।
  • अनुराग ठाकुर ने इसे प्रेरणादायी बताया।
  • राजनीतिक विवादों के बीच वंदे मातरम का संदेश महत्वपूर्ण है।
  • यह भाषण भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत होगा।

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में विशेष चर्चा आयोजित की गई है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गीत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और स्वतंत्रता आंदोलन में इसके योगदान पर गहराई से प्रकाश डाला। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने पीएम मोदी के भाषण को ऐतिहासिक और प्रेरणादायी बताया है।

इसी संदर्भ में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी के भाषण की सराहना करते हुए इसे 'ऐतिहासिक दस्तावेज' करार दिया, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा प्रदान करेगा।

अनुराग ठाकुर ने कहा, “वंदे मातरम करोड़ों भारतीयों के लिए ऊर्जा का स्रोत है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह एलर्जी बन गया है।”

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आज की चर्चा ने स्पष्ट कर दिया कि वंदे मातरम के लिए कौन समर्थन में है और कौन इसके खिलाफ है।

अनुराग ठाकुर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अखिलेश यादव का कहना है कि उन्हें वंदे मातरम याद हो या न हो, लेकिन उसका संदेश याद है। इस पर उन्होंने टिप्पणी की, “जब आप बच्चों को कहते हैं कि वे कोई भी गाना सुन सकते हैं, तो राष्ट्रीय गीत और फिल्मी गाने के महत्व में जमीन-आसमान का फर्क होता है। अखिलेश, कृपया थोड़ा जाग जाइए।”

भाजपा सांसद ने आगे कहा कि वंदे मातरम पर शुरू से ही तुष्टीकरण की राजनीति होती रही है।

उन्होंने पीएम मोदी के संबोधन के दौरान अनुपस्थित रहे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “2018 में राहुल गांधी ने दक्षिण भारत की एक रैली में वंदे मातरम की केवल एक लाइन कही थी। नेहरू ने इसे दो छंदों तक सीमित किया, राहुल एक लाइन तक सीमित रह गए, और आज पीएम मोदी के संबोधन के दौरान भाई-बहन दोनों सदन से गायब रहे।”

Point of View

बल्कि वर्तमान राजनीतिक माहौल में भी इसके महत्व को दर्शाता है। ऐसे भाषण हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम अपनी पहचान और संस्कृति को कैसे संरक्षित करें।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या वंदे मातरम का इतिहास जानना महत्वपूर्ण है?
हां, वंदे मातरम का इतिहास भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष का एक अहम हिस्सा है और यह हमारे राष्ट्रीय गीत के रूप में हमारी पहचान को दर्शाता है।
पीएम मोदी का भाषण क्यों महत्वपूर्ण है?
पीएम मोदी का भाषण समाज में वंदे मातरम के प्रति जागरूकता और सम्मान को बढ़ाने का प्रयास है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।
अनुराग ठाकुर ने पीएम मोदी के भाषण पर क्या कहा?
अनुराग ठाकुर ने पीएम मोदी के भाषण को ऐतिहासिक दस्तावेज करार दिया और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन बताया।
क्या वंदे मातरम को लेकर कोई विवाद है?
हां, कुछ राजनीतिक दलों के बीच वंदे मातरम को लेकर मतभेद और विवाद हैं, जो इस गीत के प्रति दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं।
क्या वंदे मातरम का संदेश आज भी प्रासंगिक है?
बिल्कुल, वंदे मातरम का संदेश आज भी भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक है, जो हमें एकजुट रहने की प्रेरणा देता है।
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