क्या संविधान दिवस की 76वीं वर्षगांठ हमारे लिए गर्व का दिन है? - नायब सिंह सैनी
सारांश
Key Takeaways
- संविधान दिवस के महत्व को समझना।
- भारत के पवित्र संविधान की ताकत।
- हर नागरिक के अधिकारों और सुरक्षा का महत्व।
- डॉ. बीआर अंबेडकर का योगदान।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व।
चंडीगढ़, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। संविधान दिवस की 76वीं वर्षगांठ पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसे गर्व का दिन बताया। मैं सभी प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, "आज हमारे लिए गर्व का दिन है। भारत वैश्विक मंच पर तेजी से आगे बढ़ रहा है और यह हमारे पवित्र संविधान की ताकत का परिणाम है। इस संविधान के कारण भारत विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है और हर नागरिक सुरक्षित महसूस कर रहा है। यह हर व्यक्ति के अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।"
उन्होंने संविधान निर्माण करने वाली कमेटी को प्रणाम किया। आज भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जब से भाजपा की सरकार बनी है, लगातार देश का नेतृत्व कर पीएम इसे आगे बढ़ा रहे हैं।
रोहतक में एक बास्केटबॉल खिलाड़ी की मृत्यु पर सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा, "मुझे अब तक इस घटना के बारे में जानकारी नहीं थी। मैं सभी जानकारी इकट्ठा करूंगा और मामले को देखूंगा, उसके बाद ही कोई बयान दूंगा।"
हरियाणा के मंत्री महिपाल ढांडा ने संविधान दिवस पर कहा, "भारत का संविधान नवंबर 1949 में अपनाया गया था। मैं संविधान का ड्राफ्ट बनाने वाली पूरी कमेटी, विशेष रूप से डॉ. बीआर अंबेडकर को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इसे लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"
वहीं, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संविधान दिवस पर कहा, "मैं 26 नवंबर को संविधान दिवस के सफल आयोजन पर सभी को बधाई देता हूं। अगर डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा मार्गदर्शित भारतीय संविधान नहीं होता, तो हमारे देश के एक बड़े हिस्से को आज जो अधिकार मिले हैं, वे संभव नहीं होते। संविधान के कारण लोग तरक्की कर रहे हैं, पढ़-लिख रहे हैं, और नौकरी के अवसर प्राप्त कर रहे हैं।"