क्या संविधान संशोधन बिल से राजनीति में आएगी पारदर्शिता? : श्रीराज नायर

सारांश
Key Takeaways
- संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन श्रीराज नायर ने किया है।
- यह कानून भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में सहायक होगा।
- राजनीति में पारदर्शिता लाने का प्रयास है।
- डीके शिवकुमार ने आरएसएस प्रार्थना गाकर संस्कृति का सम्मान किया।
नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने भारतीय लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए तीनों संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन किया।
श्रीराज नायर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि एनडीए सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगाने के लिए एक सराहनीय पहल की है। इस कानून के तहत, यदि कोई नेता, चाहे वह प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री हो, किसी मामले में दोषी साबित होता है, तो उसे तुरंत अपने पद से हटना होगा। यह प्रावधान भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगाने और राजनीति में पारदर्शिता तथा ईमानदारी को बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
उन्होंने कहा, "पहले घोटालों में लिप्त नेता जेल से सरकार चलाते थे या अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाकर सत्ता पर कब्जा बनाए रखते थे। लेकिन अब इस कानून के लागू होने से ऐसी प्रवृत्तियां समाप्त हो जाएंगी। यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। यह कानून जनता के बीच नेताओं की विश्वसनीयता को बढ़ाएगा और राजनीति में स्वच्छता लाएगा।"
दूसरी ओर, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रार्थना "नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे" गाकर सभी को चौंका दिया है।
इस पर टिप्पणी करते हुए श्रीराज नायर ने कहा कि 2025 की विजयादशमी पर आरएसएस अपना 100 वर्ष पूरा करेगा। इस दौरान लाखों-करोड़ों लोग इसकी शाखाओं से जुड़े हैं और विभिन्न क्षेत्रों व राजनीतिक दलों में सक्रिय हैं। डीके शिवकुमार ने स्वीकार किया कि वह बचपन में बेंगलुरु में आरएसएस की शाखा में जाया करते थे। इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है, क्योंकि करोड़ों लोग संघ का सम्मान करते हैं। डीके शिवकुमार का आरएसएस की प्रार्थना गाना कोई विवादास्पद मुद्दा नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा, "यह घटना भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय एकता के प्रति सम्मान को दर्शाती है। आरएसएस के मूल्य और विचारधारा देशभक्ति और सामाजिक समरसता पर आधारित हैं, जो सभी भारतीयों को एकजुट करने का काम करते हैं।"