क्या सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर एक नवंबर से 15 नवंबर तक 'भारत पर्व' का आयोजन होगा?
सारांश
Key Takeaways
- सरदार पटेल की 150वीं जयंती विशेष आयोजन के साथ मनाई जाएगी।
- 'भारत पर्व' देश की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाएगा।
- रन फॉर यूनिटी सभी राज्यों में आयोजित होगा।
- सरदार पटेल का योगदान देश की एकता में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- सरदार पटेल स्मारक की स्थापना प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई।
पटना, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुष्टि की है कि सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर एक नवंबर से 15 नवंबर तक गुजरात के एकता नगर में 'भारत पर्व' का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "सरदार पटेल का देश को एकजुट करने, आज के भारत के निर्माण और 'एक भारत' बनाने में महत्वपूर्ण योगदान था। इस बार 150वीं जयंती है। 2014 से हर 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री केवड़िया जाते हैं और सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा के सामने एक परेड का आयोजन होता है। चूंकि यह 150वीं जयंती है, इस बार विशेष कार्यक्रम किए जा रहे हैं।"
अमित शाह ने कहा, "गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि हर 31 अक्टूबर को भव्य परेड का आयोजन होगा। इस परेड में सुरक्षाबल और राज्य पुलिस बल अपने कौशल, अनुशासन और वीरता का प्रदर्शन करेंगे। यह परेड देश की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए है।"
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, "इस बार रन फॉर यूनिटी को भी बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा। देश के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, जिलों, पुलिस स्टेशनों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों में इसे मनाया जाएगा।"
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "एक से 15 नवंबर तक 'भारत पर्व' के दौरान विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम और खाद्य महोत्सव का आयोजन होगा। यह उत्सव 15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर विशेष कार्यक्रमों के साथ समाप्त होगा, जिसमें देशभर की जनजातियों की सांस्कृतिक विविधताएं, खाद्य परंपराएं, पोशाक की परंपराएं, शिल्पकला, लोक कला और संगीत का अद्भुत समन्वय होगा।"
इस दौरान, अमित शाह ने सरदार पटेल को देश की एकता और अखंडता का प्रतीक बताते हुए कहा, "सरदार पटेल केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं।"
उन्होंने कहा, "सरदार पटेल के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी ने उनकी विरासत को मिटाने का प्रयास किया। उनके 'भारत रत्न' सम्मान को 41 साल तक टाला गया और उन्हें कोई स्मारक भी नहीं दिया गया। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया गया और सरदार पटेल स्मारक की स्थापना की गई।"