क्या सरदार तरलोचन सिंह सिख धर्म और समाज सेवा के सच्चे प्रहरी हैं?

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क्या सरदार तरलोचन सिंह सिख धर्म और समाज सेवा के सच्चे प्रहरी हैं?

सारांश

सरदार तरलोचन सिंह का जीवन सिख धर्म, पंजाबी भाषा और समाज सेवा के प्रति उनकी निस्वार्थ प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उनके संघर्ष, उपलब्धियाँ और योगदान आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं। आइए, जानते हैं उनके अद्वितीय सफर के बारे में।

Key Takeaways

  • सरदार तरलोचन सिंह का जीवन सिख धर्म के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
  • उन्होंने पंजाबी भाषा को मान्यता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • उनका संघर्ष और सफलता लाखों लोगों को प्रेरित करता है।
  • वे समाज सेवा में अग्रणी रहे हैं।
  • 2014 में उन्हें सिख लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला।

नई दिल्ली, २७ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। २८ जुलाई को प्रसिद्ध सिख नेता, समाजसेवी और पूर्व सांसद सरदार तरलोचन सिंह का जन्मदिन है। यह नाम अपने जीवन को सिख धर्म, पंजाबी भाषा और समाज सेवा के लिए समर्पित करने के लिए जाना जाता है। एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से उठकर भारतीय लोकतंत्र की ऊंचाइयों तक पहुंचने वाले सरदार तरलोचन सिंह आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा हैं।

सरदार तरलोचन सिंह का जन्म २८ जुलाई १९३३ को पंजाब के धुधियाल (अब पाकिस्तान के चकवाल) में हुआ था। विभाजन के समय उनका परिवार पटियाला आ गया। विभाजन के बाद का समय उनके और उनके परिवार के लिए बहुत कठिन था। पढ़ाई के साथ-साथ काम करने के बावजूद उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की।

उन्होंने १९५७ में फिरोजपुर, पंजाब में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में सिविल सेवा में करियर शुरू किया। उसके बाद उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जैसे पंजाब सरकार के पर्यटन, संस्कृति और पुरातत्व विभाग के अतिरिक्त निदेशक।

उनका जीवन सिख सिद्धांतों की रक्षा और प्रचार में समर्पित रहा है। उन्होंने संग्रहालयों की स्थापना की और दुर्लभ सिख धरोहरों को लंदन से भारत लाया। इसके अलावा, वे संसद में पंजाबी में बोलने वाले पहले सांसद बने।

सरदार तरलोचन सिंह को २०१४ में सिख लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनका नाम विश्व पटल पर सिख धर्म और पंजाबी भाषा के प्रचार में अग्रणी योगदान के लिए सम्मान के साथ लिया जाता है।

Point of View

जिन्होंने सिख धर्म और पंजाबी संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रसारित किया। उनका योगदान न केवल भारतीय समाज बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि कठिनाइयों के बावजूद अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

सरदार तरलोचन सिंह का जन्म कब हुआ?
सरदार तरलोचन सिंह का जन्म 28 जुलाई 1933 को हुआ था।
सरदार तरलोचन सिंह ने किन क्षेत्रों में कार्य किया?
उन्होंने सिख धर्म, पंजाबी भाषा और समाज सेवा में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
उन्हें किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया?
उन्हें 2014 में सिख लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
क्या वे संसद में पंजाबी में बोलने वाले पहले सांसद हैं?
जी हां, वे संसद में पंजाबी में बोलने वाले पहले सांसद हैं।
उनका योगदान किस तरह से महत्वपूर्ण है?
उनका योगदान सिख धर्म और पंजाबी संस्कृति के संरक्षण और प्रचार में महत्वपूर्ण है।