क्या सर्दियों में खर्राटों की समस्या में वृद्धि होती है? जानें इसके वैज्ञानिक कारण

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क्या सर्दियों में खर्राटों की समस्या में वृद्धि होती है? जानें इसके वैज्ञानिक कारण

सारांश

क्या सर्दियों में खर्राटों की समस्या बढ़ती है? इस लेख में जानिए इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण और उपाय।

Key Takeaways

  • खर्राटे नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं।
  • सर्दियों में खर्राटों की समस्या बढ़ जाती है।
  • सोने की सही स्थिति और जीवनशैली में बदलाव से खर्राटों को कम किया जा सकता है।
  • मोटापा और शराब का सेवन खर्राटों को बढ़ा सकता है।
  • गुनगुने पानी से भाप लेना सहायक हो सकता है।

नई दिल्ली, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दुनिया भर में अनेक लोग खर्राटों की समस्या का सामना कर रहे हैं। इसे अक्सर हल्के में लिया जाता है, लेकिन यह न केवल नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि समय के साथ सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।

सर्दियों में यह समस्या और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि इस मौसम में हवा बेहद ठंडी और सूखी हो जाती है। आमतौर पर, पुरुषों में यह समस्या महिलाओं की तुलना में अधिक देखी जाती है, हालांकि उम्र बढ़ने पर महिलाओं में भी खर्राटे बढ़ सकते हैं।

सर्दियों में कई कारण हैं जो इस समस्या को गंभीर बना सकते हैं। इसलिए सबसे पहले यह समझना आवश्यक है कि खर्राटे क्यों आते हैं और ठंड के मौसम में ये क्यों बढ़ते हैं।

विज्ञान के अनुसार, खर्राटे तब उत्पन्न होते हैं जब सोते समय सांस की नली पूरी तरह से खुली नहीं रहती। नींद में मांसपेशियां, विशेषकर गले और जीभ की मांसपेशियां, ढीली हो जाती हैं। जब ये मांसपेशियां ढीली होती हैं, तो सांस लेने का रास्ता संकरा हो जाता है। जब हवा इस संकरे रास्ते से गुजरती है, तो गले के नरम टिश्यू हिलने लगते हैं, जिससे खर्राटों की आवाज उत्पन्न होती है।

हर व्यक्ति में खर्राटों के कारण भिन्न हो सकते हैं। कुछ लोगों की गले या नाक की बनावट ऐसी होती है कि उन्हें जल्दी खर्राटे आते हैं। किसी का सॉफ्ट पैलेट मोटा होता है, तो किसी की जीभ अधिक बड़ी होती है। कुछ लोगों में गर्दन के आसपास चर्बी अधिक होती है, जिससे सांस की नली पर दबाव पड़ता है। ये सभी कारण मिलकर खर्राटों की समस्या को बढ़ा सकते हैं।

सर्दियों में खर्राटे बढ़ने का एक कारण यह भी है कि इस मौसम की हवा बहुत सूखी होती है। जब हम ठंडी और सूखी हवा को अंदर लेते हैं, तो नाक और गले की आंतरिक सतह सूखने लगती है। इससे हल्की जलन और सूजन हो जाती है, जिससे सांस की नली और संकरी हो जाती है, और इससे खर्राटों की आवाज तेज हो जाती है।

इसके अतिरिक्त, सर्दियों में जुकाम, एलर्जी और साइनस की समस्याएं भी आम होती हैं। जब नाक बंद होती है, तो लोग मुंह से सांस लेने लगते हैं, जिससे खर्राटों की संभावना और बढ़ जाती है।

कुछ व्यक्तियों में खर्राटों की समस्या अधिक होती है। मोटापा इसका एक प्रमुख कारण माना जाता है। अधिक वजन होने पर गर्दन के आसपास जमा चर्बी गले की आंतरिक जगह को दबा देती है। उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियों की ताकत भी कम होती है, जिससे बुजुर्गों में खर्राटे अधिक हो सकते हैं। शराब का सेवन करने वाले और नींद की दवाएं लेने वाले लोगों में भी यह समस्या आम है, क्योंकि ये चीजें गले की मांसपेशियों को अत्यधिक ढीला कर देती हैं।

खर्राटों को कम करने के लिए जीवनशैली में आवश्यक बदलाव किए जा सकते हैं। सोने की स्थिति इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। करवट लेकर सोने से सांस का रास्ता अधिक खुला रहता है, जिससे खर्राटे कम आते हैं। इसी तरह, देर रात भारी खाना खाने से बचना चाहिए, क्योंकि भरा हुआ पेट डायफ्राम पर दबाव डालता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

सर्दियों में कमरे की हवा पर विशेष ध्यान देना आवश्यक होता है। अत्यधिक सूखी हवा नाक और गले को नुकसान पहुंचा सकती है। हल्की नमी बनाए रखने से सांस की नली को आराम मिलता है। नाक को नम रखने के लिए गुनगुने पानी से भाप लेना भी सहायक हो सकता है। इससे जमा कफ ढीला होता है और नाक खुलती है।

Point of View

बल्कि यह दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है। इस विषय पर जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है, ताकि लोग इसे गंभीरता से लें और आवश्यक सावधानी बरतें।
NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

खर्राटे क्यों आते हैं?
खर्राटे तब आते हैं जब सोते समय सांस की नली पूरी तरह खुली नहीं रहती और गले की मांसपेशियां ढीली होती हैं।
क्या सर्दियों में खर्राटे बढ़ जाते हैं?
हाँ, सर्दियों में ठंडी और सूखी हवा के कारण खर्राटे बढ़ जाते हैं।
खर्राटों को कैसे कम किया जा सकता है?
सही सोने की स्थिति, वजन कम करना, और गुनगुने पानी से भाप लेना खर्राटों को कम करने में मदद कर सकता है।
क्या मोटापा खर्राटों का कारण है?
हाँ, अधिक वजन होने पर गर्दन के आसपास की चर्बी सांस की नली पर दबाव डालती है, जिससे खर्राटे बढ़ सकते हैं।
क्या शराब पीने से खर्राटे बढ़ते हैं?
हाँ, शराब सेवन से गले की मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं, जिससे खर्राटों की समस्या बढ़ सकती है।
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