क्या सावन का शनिवार है विशेष? जानें 'सूर्यपुत्र' की पूजा विधि और सफलता के राज

सारांश
Key Takeaways
- श्रावण मास में सावन का शनिवार विशेष होता है।
- आडल योग के प्रभाव को कम करने के लिए पूजा करना लाभकारी है।
- शनिदेव की पूजा से सफलता के द्वार खुलते हैं।
- पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
- ७ शनिवार का व्रत रखने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
नई दिल्ली, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि शनिवार को आ रही है। इस दिन आडल योग का निर्माण भी किया जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह एक अशुभ योग है, जिसमें शुभ कार्यों का निषेध होता है। इस स्थिति में धर्मशास्त्रों में सूर्यपुत्र की पूजा की विधि का वर्णन किया गया है, जिससे उनकी कृपा मिलती है और कुप्रभाव समाप्त होते हैं।
दृक पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर १२ बजे से १२ बजकर ५५ मिनट तक रहेगा और राहुकाल सुबह ०९ बजकर ०३ मिनट से १० बजकर ४५ मिनट तक रहेगा।
आडल योग, ज्योतिष में एक अशुभ योग माना जाता है, जो नवरात्रि के पहले दिन २०२२ में बना था। यह शुभ कार्यों के लिए उचित नहीं है, और शुभ कार्यों का निषेध भी होता है। फिर भी, शनिदेव की पूजा से जीवन में सुख-शांति और सफलता का मार्ग खुलता है। शनिदेव की पूजा के साथ उनका व्रत रखना भी अत्यंत लाभकारी होता है।
अग्नि पुराण के अनुसार, शनिवार का व्रत शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्त होने के लिए किया जाता है। श्रावण मास में इस व्रत का विशेष महत्व है। इसके साथ ही, यह व्रत किसी भी शुक्ल पक्ष के शनिवार से आरंभ किया जा सकता है। मान्यता है कि ७ शनिवार का व्रत रखने से शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिलती है और हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ ही, शनिदेव की विशेष कृपा भी मिलती है।
शनिदेवसरसों का तेल अर्पित करें। उनके सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं। रोली, फूल आदि चढ़ाने के बाद जातक को शनि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए, साथ ही सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। राजा दशरथ द्वारा रचित 'शनि स्तोत्र' का पाठ करें और शं शनैश्चराय नम: और सूर्य पुत्राय नम: का जाप करें।
मान्यता है कि पीपल के पेड़ पर शनिदेव का वास होता है। हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना और छाया दान करना (सरसों के तेल का दान) अत्यंत शुभ माना जाता है, जिससे नकारात्मकता भी दूर होती है।