एससीओ शिखर सम्मेलन: क्या पीएम मोदी ने शांति, स्थिरता और कनेक्टिविटी पर जोर दिया?

Click to start listening
एससीओ शिखर सम्मेलन: क्या पीएम मोदी ने शांति, स्थिरता और कनेक्टिविटी पर जोर दिया?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन में शांति, स्थिरता और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने सदस्य देशों से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने की अपील की और विकास के लिए संपर्क को महत्वपूर्ण बताया। जानिए सम्मेलन की प्रमुख बातें।

Key Takeaways

  • शांति, सुरक्षा और स्थिरता विकास की कुंजी हैं।
  • भारत ने चाबहार बंदरगाह और उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे का समर्थन किया।
  • आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता है।
  • सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के लिए सिविलाइजेशन डायलॉग फोरम का प्रस्ताव।
  • एससीओ के सुधार-उन्मुख एजेंडे का समर्थन।

तियानजिन, १ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के २५वें शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन में एससीओ विकास रणनीति, वैश्विक शासन सुधार, आतंकवाद विरोधी उपाय, शांति और सुरक्षा, आर्थिक व वित्तीय सहयोग और सतत विकास जैसे विषयों पर सार्थक चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए एससीओ ढांचे के तहत सहयोग को मजबूत करने के भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने तीन प्रमुख स्तंभों 'सिक्यूरिटी, कनेक्टिविटी और ऑपर्च्युनिटी' पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शांति, सुरक्षा और स्थिरता ही प्रगति और समृद्धि की कुंजी हैं।

उन्होंने विकास को बढ़ावा देने और आपसी विश्वास बनाने में संपर्क (कनेक्टिविटी) की महत्वपूर्ण भूमिका को बताया। उन्होंने कहा कि भारत चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसे प्रोजेक्ट्स का मजबूती से समर्थन करता है।

प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप्स, इनोवेशन, युवाओं को सशक्त बनाने और साझा सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्रों में मौजूद अवसरों का उल्लेख किया और कहा कि इनका लाभ एससीओ के तहत मिलकर उठाया जाना चाहिए। उन्होंने लोगों के बीच आपसी संबंध और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के लिए एससीओ के भीतर एक 'सिविलाइजेशन डायलॉग फोरम' शुरू करने का प्रस्ताव रखा।

उन्होंने सभी सदस्य देशों से आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कदम उठाने का आह्वान किया। उन्होंने आतंकवाद के वित्तपोषण और कट्टरपंथ के खिलाफ समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर भी बल दिया।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सदस्य देशों का धन्यवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के मामले में दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसका समर्थन करने वाले देशों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

पीएम मोदी ने एससीओ के सुधार-उन्मुख एजेंडा का समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी और साइबर सुरक्षा से निपटने के लिए केंद्रों की स्थापना का स्वागत किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार के लिए भी इसी तरह के साझा दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को उनकी गर्मजोशी भरी मेहमाननवाजी के लिए धन्यवाद दिया और शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन पर बधाई दी। उन्होंने किर्गिस्तान को एससीओ की अगली अध्यक्षता संभालने पर भी शुभकामनाएं दीं। साथ ही शिखर सम्मेलन के समापन पर एससीओ सदस्य देशों ने 'तियानजिन घोषणापत्र' को अपनाया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन में जो पहल की है, वह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। शांति और स्थिरता की बात करके, उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और विकास की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया है। यह समय की मांग है कि सभी सदस्य देश एकजुट होकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

एससीओ शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
एससीओ शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना था।
पीएम मोदी ने किस विषय पर जोर दिया?
पीएम मोदी ने शांति, स्थिरता, और कनेक्टिविटी पर जोर दिया और सदस्य देशों से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने की अपील की।