क्या शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए? लालू यादव के पोस्ट पर शांभवी चौधरी का पलटवार

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क्या शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए? लालू यादव के पोस्ट पर शांभवी चौधरी का पलटवार

सारांश

लोजपा सांसद शांभवी चौधरी ने लालू यादव के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। पीएम मोदी के बिहार दौरे और उनकी योजनाओं की सराहना करते हुए शांभवी ने तेजस्वी यादव को भी नसीहत दी। यह राजनीति में पारदर्शिता और विकास की दिशा में उठाया गया कदम है।

Key Takeaways

  • शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना आवश्यक है।
  • बिहार के विकास में पीएम मोदी की भूमिका महत्वपूर्ण है।
  • राजनीति में पारदर्शिता लाने के लिए बिल का महत्व।
  • विरोध का तरीका भले हो पर नीचता पर नहीं उतरना चाहिए।
  • राजनीतिक संवाद में शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए।

पटना, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोजपा (रामविलास) सांसद शांभवी चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी गया में नीतीश कुमार की राजनीति और उनकी पार्टी का पिंडदान करने आ रहे हैं।

शांभवी चौधरी ने कहा कि पूर्व सीएम को शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी पीएम मोदी बिहार में आते हैं, तो वे ढेर सारी सौगातें लेकर आते हैं। बिहार के लोग उनके आगमन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। पीएम मोदी ने बिहार को विकसित करने के लिए कई परियोजनाओं की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार लगातार आगे बढ़ रहा है।

शांभवी चौधरी ने यह भी कहा कि पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव जो काम नहीं कर पाए, वो आज बिहार में हो रहा है, इसलिए उन्हें इसे स्वीकार करना चाहिए। लेकिन उन्होंने भाषा की मर्यादा को भुला दिया है। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन विरोध का भी अपना एक तरीका होता है। नीचता पर नहीं उतरना चाहिए। ऐसी बातें करने से हमारी छवि खराब होती है।

उन्होंने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को सलाह देते हुए कहा कि जिस बिल के बारे में वे कह रहे हैं कि यह नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को ब्लैकमेल करने के लिए लाया गया है, उन्हें इसे ध्यान से पढ़ना चाहिए। नीतीश कुमार को ब्लैकमेल करने के लिए यह बिल कैसे हो सकता है? यह बिल उनके खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य राजनीति को अपराध से मुक्त करना और जनप्रतिनिधियों की छवि को स्वच्छ रखना है।

उन्होंने कहा कि बिल में प्रावधान है कि जनप्रतिनिधियों को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि (यदि कोई हो) का खुलासा एफिडेविट में करना होगा। यदि किसी पर गंभीर आरोप लगते हैं, तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए, और यदि आरोप समाप्त हो जाते हैं, तो वे पुनः पद ग्रहण कर सकते हैं। यह प्रक्रिया राजनीति को पारदर्शी और स्वच्छ बनाने की दिशा में एक कदम है।

शांभवी ने तेजस्वी यादव पर बिहार की जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें बिल को ध्यान से पढ़ना चाहिए। उनके अनुसार, सरकार का यह प्रयास राजनीति को बेहतर और साफ-सुथरा बनाने के लिए है, न कि किसी व्यक्ति विशेष को निशाना बनाने के लिए।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक संवाद में शिष्टाचार और मर्यादा का पालन किया जाए। शांभवी चौधरी का यह बयान इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है। राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के बावजूद, हमें संवाद के स्तर को बनाए रखना चाहिए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या शांभवी चौधरी ने लालू यादव को सीधे चुनौती दी?
जी हां, शांभवी चौधरी ने लालू यादव के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखने की सलाह दी।
क्या पीएम मोदी का बिहार दौरा महत्वपूर्ण है?
बिल्कुल, पीएम मोदी का बिहार दौरा हमेशा महत्वपूर्ण रहा है, और वे हर बार नई परियोजनाओं के साथ आते हैं।
क्या यह बिल राजनीति को साफ-सुथरा बनाने में मदद करेगा?
यह बिल राजनीति को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।