क्या शरजील इमाम बिहार में चुनाव लड़ने के लिए अंतरिम जमानत मांग रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- शरजील इमाम ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए जमानत मांगी है।
- दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले जमानत याचिका को खारिज किया था।
- 2020 के दिल्ली दंगों में 50 से अधिक लोगों की जान गई थी।
- इमाम पर गंभीर आरोप हैं जो उनकी राजनीतिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकते हैं।
- यह मामला लोकतांत्रिक प्रक्रिया और चुनावी अधिकारों पर सवाल उठाता है।
नई दिल्ली, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली दंगे के आरोपी और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए अदालत से अंतरिम जमानत की मांग की है। शरजील इमाम ने दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की है।
याचिका में उल्लेख किया गया है कि शरजील इमाम बिहार की बहादुरगंज विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने अदालत से 14 दिनों की अंतरिम जमानत देने की अपील की है ताकि वह अपने चुनाव प्रचार और नामांकन प्रक्रिया में शामिल हो सकें। इमाम ने कोर्ट को यह भी बताया कि वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े नहीं हैं।
शरजील इमाम की इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होने की संभावना है। अदालत इस बात पर विचार करेगी कि क्या उन्हें चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के लिए अस्थायी राहत दी जा सकती है या नहीं।
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने २ सितंबर को इमाम, खालिद और अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया उमर खालिद और शरजील इमाम की गंभीर संलिप्तता प्रतीत होती है। कोर्ट ने उन पर लगे आरोपों का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने जो भाषण दिए, वे सांप्रदायिक प्रकृति के थे और उनका मकसद बड़ी भीड़ इकट्ठा करना था।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों के दौरान २०२० के दिल्ली दंगों में ५० से अधिक लोगों की जान गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस का आरोप था कि यह हिंसा एक पूर्व-नियोजित साजिश थी, जिसे सीएए के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शन के दौरान अंजाम दिया गया था।
इस मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को २८ जनवरी, २०२० को बिहार के जहानाबाद से जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह तब से हिरासत में हैं और बाद में दंगों में उनकी कथित भूमिका के लिए यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था।