क्या शत्रुघ्न सिन्हा ने राहुल गांधी को परिपक्व नेता बताया?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी की परिपक्वता की सराहना की गई है।
- बिहार विधानसभा चुनाव का वोटर लिस्ट विवाद गहरा हो गया है।
- चुनाव आयोग को लेकर लोग सतर्क हो रहे हैं।
- विपक्ष की एकजुटता बढ़ रही है।
- शत्रुघ्न सिन्हा का बयान महत्वपूर्ण है।
पटना, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद और प्रसिद्ध अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने रविवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के विदेश यात्रा और उनके बयानों पर खुलकर समर्थन किया। पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिन्हा ने राहुल को 'परिपक्व और काबिल नेता' बताया और कहा कि उनकी आलोचना करने वाले पहले अपने दामन को ठीक करें। इसके साथ ही, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से संबंधित वोटर लिस्ट विवाद पर उन्होंने कहा कि वोट चोरी की कोशिश करने वालों को अब 100 बार सोचना होगा।
राहुल गांधी की हालिया कोलंबिया यात्रा और इस दौरान लोकतंत्र प्रणाली पर दिए बयान को लेकर भाजपा ने उनकी जमकर आलोचना की है। हालांकि, टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने इसका सख्त बचाव किया। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी एक बहुत ही परिपक्व नेता बन चुके हैं। वे नेशनल आइकॉन हैं और बहुत काबिल हैं। शक्ति के मामले में ब्लैक बेल्ट हैं, लेकिन उनकी वाणी में हमेशा दुरुस्ती होती है। जो लोग इनके बारे में बोलते हैं, पहले अपने दामन को देखें कि विदेश में जाकर उन्होंने क्या-क्या कहा।" सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा कि पीएम ने खुद कहा था कि पहले हिंदुस्तान में पैदा होना शर्म की बात थी।
शत्रुघ्न सिन्हा ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में नाम काटने के विवाद पर कहा, "चुनाव में नाम काटने की बात में कुछ तथ्य दिखता है। हम 7 तारीख को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कटे नामों पर सवाल उठते हैं। चुनाव आयोग का फैसला बहुत जल्दी आया।"
उन्होंने तेजस्वी यादव के आरोप का समर्थन करते हुए कहा, "उन्हें ही नहीं, बहुत से लोगों को लगता है। इस बार लोग चुनाव आयोग को खुली आंखों से देख रहे हैं, शायद वोट चोरी करने से पहले 100 बार सोचना पड़ेगा।" सिन्हा ने केंद्र सरकार पर SIR को साजिश बताते हुए कहा कि ममता बनर्जी और तेजस्वी जैसे लोकप्रिय नेताओं के कारण विपक्ष मजबूत है।
बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विवाद अपने चरम पर है। विपक्ष का आरोप है कि गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों के नाम बड़े पैमाने पर काटे जा रहे हैं, जो वोट चोरी की साजिश है। तेजस्वी यादव ने इसे 'वोटबंदी' करार देते हुए चुनाव आयोग को 'गोदी आयोग' कहा है। राजद नेता ने दावा किया कि भाजपा-नीतीश गठबंधन जनमत को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।