क्या शी चिनफिंग ने पैलेस संग्रहालय की शताब्दी प्रदर्शनी का दौरा किया?
सारांश
Key Takeaways
- पैलेस संग्रहालय की स्थापना 1925 में हुई थी।
- यह प्रदर्शनी चीनी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
- प्रदर्शनी में लगभग 200 सांस्कृतिक अवशेष शामिल हैं।
- शी चिनफिंग ने सुरक्षा और संरक्षण पर बल दिया।
- यह प्रदर्शनी फोर्बिडन सिटी की विरासत को दर्शाती है।
बीजिंग, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सोमवार को राजधानी पेइचिंग में स्थित पैलेस संग्रहालय की 100वीं स्थापना वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित विशेष प्रदर्शनी का दौरा किया। यह प्रदर्शनी 'संरक्षण की एक शताब्दी : फोर्बिडन सिटी से पैलेस संग्रहालय तक' शीर्षक के तहत आयोजित की गई है।
इस प्रदर्शनी को 'सांस्कृतिक इतिहास', 'सौ वर्षों में विरासत' और 'विविध संस्कृति' जैसे तीन खंडों में विभाजित किया गया है। इसमें लगभग 200 बहुमूल्य सांस्कृतिक अवशेष और ऐतिहासिक दस्तावेज प्रदर्शित किए गए हैं, जो पैलेस संग्रहालय की सौ वर्षों की विकास यात्रा और उसकी प्रमुख उपलब्धियों को दर्शाते हैं।
प्रदर्शनी में प्रसिद्ध सुलेख और चित्रकला कृतियां, कांस्य निर्मित वस्तुएं, जेड कला कृतियां और चीनी मिट्टी के उत्कृष्ट शिल्प शामिल हैं, जो चीनी राष्ट्र के गौरवशाली इतिहास और उसकी सतत सांस्कृतिक परंपरा के जीवंत साक्ष्य हैं। प्रदर्शनी का अवलोकन करते समय शी चिनफिंग ने प्रदर्शित कलाकृतियों और अवशेषों के बारे में कर्मचारियों से विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने समय-समय पर रुककर वस्तुओं का बारीकी से निरीक्षण किया और उनसे संबंधित प्रश्न पूछे।
राष्ट्रपति शी ने कहा कि पैलेस संग्रहालय चीनी राष्ट्र की प्राचीन और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए है तथा यह चीनी सभ्यता का एक महत्त्वपूर्ण प्रतीक है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि फोर्बिडन सिटी की सुरक्षा और संरक्षण न केवल एक राष्ट्रीय जिम्मेदारी है, बल्कि यहां कार्यरत सभी लोगों के लिए गौरवपूर्ण मिशन भी है।
शी चिनफिंग ने पैलेस संग्रहालय की सुरक्षा और संरक्षण कार्यों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक अवशेष जनता की अमूल्य धरोहर हैं और उन्हें जनता की सेवा के लिए समर्पित रहना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि सांस्कृतिक धरोहरों के पुनरुद्धार, संरक्षण और उपयोग के स्तर को और ऊंचा उठाया जाए, ताकि फोर्बिडन सिटी विश्व समुदाय के लिए चीनी सभ्यता और चीनी राष्ट्र को समझने का एक प्रमुख खिड़की बन सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)