क्या शेख हसीना मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए अधिकतम सजा की हकदार हैं? बांग्लादेश आईटीसी की टिप्पणी
सारांश
Key Takeaways
- शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है।
- आईटीसी ने उन्हें मौत की सजा दी है।
- पूर्व गृह मंत्री और पूर्व आईजीपी को भी सजा दी गई है।
- यह मामला बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (आईटीसी) ने मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में शेख हसीना को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है। इसके अलावा, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को फांसी और पूर्व आईजीपी को पांच साल की सजा दी गई है।
आईटीसी ने कहा कि शेख हसीना को भड़काने, हत्या का आदेश देने और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई न करने में विफलता के लिए दोषी ठहराया गया है। पहले चार्ज में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
बांग्लादेश के आईटीसी ने कहा, "शेख हसीना ने अपने उकसावे वाले आदेशों के द्वारा मानवता के खिलाफ अपराध किया और आरोप संख्या 1 के तहत निवारक और दंडात्मक उपाय करने में विफल रहीं।"
कोर्ट ने कहा, "आरोप संख्या 2 के तहत शेख हसीना ने ड्रोन, हेलीकॉप्टर और घातक हथियारों का इस्तेमाल करने का आदेश देकर मानवता के खिलाफ अपराध किया है।" जस्टिस गुलाम मुर्तुजा मजुमदार ने कहा, "इससे मानवता के खिलाफ अपराध की सभी हदें पार हो गई हैं।"
फैसले के दौरान कोर्ट ने उस वीडियो साक्ष्य का उल्लेख किया, जिसमें शेख हसीना पर लक्षित हत्याओं का आदेश देने, जुलाई-अगस्त के विरोध प्रदर्शनों के दौरान नागरिकों पर गोली चलाने और उन्हें हेलीकॉप्टरों और ड्रोनों से निशाना बनाने का आरोप था।
कोर्ट ने कहा कि सबूत यह भी दर्शाते हैं कि शेख हसीना ने सरकार की आलोचना करने के कारण कई पत्रकारों, राजनेताओं और कार्यकर्ताओं को पद से हटा दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए अधिकतम सजा की हकदार हैं। महीनों तक चले इस मुकदमे में उन्हें पिछले वर्ष छात्रों के नेतृत्व में हुए विद्रोह पर घातक कार्रवाई का आदेश देने का दोषी पाया गया। कोर्ट ने कहा कि शेख हसीना को सबसे कठोर सजा मिलनी चाहिए।