क्या सुप्रीम कोर्ट घरेलू हवाई यात्रा के बढ़ते किरायों पर सख्त कदम उठाएगा?

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क्या सुप्रीम कोर्ट घरेलू हवाई यात्रा के बढ़ते किरायों पर सख्त कदम उठाएगा?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हवाई यात्रा के बढ़ते किरायों के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्तों में जवाब मांगा है। क्या यह कदम यात्रियों के हित में साबित होगा? जानिए इस महत्वपूर्ण मामले के बारे में।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइंस की मनमानी पर सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है।
  • यात्रियों के हितों की रक्षा के लिए पारदर्शिता की आवश्यकता है।
  • घरेलू उड़ानें अब आवश्यक सेवा की श्रेणी में आनी चाहिए।

नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट में घरेलू हवाई यात्रा के बढ़ते किरायों और एयरलाइंस की मनमानी के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार और डीजी सिविल एविएशन को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्तों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि घरेलू उड़ानें अब आम लोगों की आवश्यकता बन चुकी हैं, इसलिए इन्हें आवश्यक सेवा घोषित किया जाना चाहिए। उनका आरोप है कि एयरलाइंस डायनेमिक प्राइसिंग के नाम पर किरायों में मनमानी बढ़ोतरी कर रही हैं। टिकट की कीमतें अचानक बहुत बढ़ जाती हैं, जिससे यात्रियों पर बोझ पड़ता है। कई बार ऐसा होता है कि एक ही उड़ान की टिकट कुछ घंटों के भीतर काफी महंगी हो जाती है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि एयरलाइंस चेक-इन बैगेज लिमिट पर भी अपनी मनमानी कर रही है। पहले यात्रियों के लिए मुफ्त चेक-इन बैगेज की सीमा २५ किलोग्राम थी, लेकिन अब इसे घटाकर १५ किलो कर दिया गया है। इससे यात्रियों को अतिरिक्त बैगेज के नाम पर काफी पैसे चुकाने पड़ते हैं। याचिकाकर्ता ने इसे आम यात्रियों का शोषण बताया।

याचिका में यह भी कहा गया कि देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में किराया निर्धारण का कोई पारदर्शी तरीका नहीं है। एयरलाइंस अपने एल्गोरिदम से किराए बढ़ाती हैं, जिसमें यात्रियों के हितों का ध्यान नहीं रखा जाता। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह इस पूरे सिस्टम की जांच करवाए और सरकार को स्पष्ट नियम बनाने का निर्देश दे।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत नोटिस जारी किया और सरकार से जवाब मांगा है। यात्रियों से जुड़े मुद्दे होने के कारण कोर्ट ने कहा कि यह मामला विचार योग्य है और केंद्र सरकार और डीजी (सिविल एविएशन) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। चार हफ्तों में सरकार को जवाब देना होगा, जिसके बाद आगे की सुनवाई की जाएगी।

Point of View

बल्कि एयरलाइंस के द्वारा की जा रही मनमानी पर भी अंकुश लगाएगा।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से क्या मांगा है?
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से चार हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है।
क्या घरेलू उड़ानें आवश्यक सेवा होनी चाहिए?
याचिकाकर्ता का मानना है कि घरेलू उड़ानें अब आम लोगों की जरूरत बन चुकी हैं, इसलिए इन्हें आवश्यक सेवा घोषित किया जाना चाहिए।
एयरलाइंस किस प्रकार किरायों में वृद्धि कर रही हैं?
एयरलाइंस डायनेमिक प्राइसिंग के नाम पर किरायों में मनमानी बढ़ोतरी कर रही हैं।
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