क्या शी चिनफिंग ने एपेक सीईओ शिखर सम्मेलन में लिखित भाषण दिया?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- एशिया-प्रशांत क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका की पहचान।
- आधिपत्यवाद के विपरीत निष्पक्षता और न्याय की आवश्यकता।
- चीन ने बेल्ट एंड रोड पहल का उल्लेख किया।
- सभी पक्षों को शांति और विकास के लिए एकजुट होना होगा।
- अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बहुपक्षवाद की आवश्यकता।
बीजिंग, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में आयोजित एपेक सीईओ शिखर सम्मेलन में 'एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अग्रणी भूमिका निभाना और विश्व विकास एवं समृद्धि को संयुक्त रूप से बढ़ावा देना' शीर्षक से एक लिखित भाषण प्रस्तुत किया।
शी चिनफिंग ने इस बात पर बल दिया कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य जटिल और अशांत है तथा दुनिया एक नए मोड़ पर खड़ी है। सभी पक्षों को दूरदर्शिता और जिम्मेदारी का प्रदर्शन करना चाहिए और ऐसे विकल्प चुनने चाहिए जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप हों और इतिहास की कसौटी पर खरे उतर सकें। इतिहास हमें यह सिखाता है कि मानवता का भाग्य आपस में जुड़ा हुआ है। आधिपत्यवाद केवल युद्ध और विनाश लाता है, जबकि निष्पक्षता और न्याय विश्व शांति और विकास को बढ़ावा देने की महत्वपूर्ण गारंटी हैं। टकराव और विरोध केवल विभाजन और अस्थिरता लाते हैं, जबकि सहयोग और उभय जीत वाले परिणाम मानवता की प्रगति का सही मार्ग हैं। एकतरफावाद केवल विभाजन और प्रतिगति लाता है, जबकि बहुपक्षवाद वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए अनिवार्य विकल्प है।
शी चिनफिंग ने यह भी बताया कि चीन हमेशा से वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का रक्षक और बहुपक्षवाद का सच्चा अनुयायी रहा है। चीन ने बेल्ट एंड रोड पहल के साथ-साथ वैश्विक विकास, वैश्विक सुरक्षा, वैश्विक सभ्यता और वैश्विक शासन पहलों का प्रस्ताव दिया है, जिससे प्रमुख वैश्विक मुद्दों के समाधान में चीनी बुद्धिमत्ता और समाधान का योगदान मिला है। अगले वर्ष चीन तीसरी बार एपीईसी की मेज़बानी करेगा और एशिया-प्रशांत समुदाय के निर्माण के लिए सभी पक्षों के साथ शांति और विकास को नई गति प्रदान करने के लिए तत्पर है।
शी चिनफिंग ने कहा कि एपीईसी की स्थापना आर्थिक वैश्वीकरण की लहर के जवाब में की गई, जिसका उद्देश्य व्यापार और निवेश के उदारीकरण और सुविधा को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास एवं समृद्धि को प्रोत्साहित करना है। सभी पक्षों को अपनी मूल आकांक्षाओं को पुष्टि करनी चाहिए और अधिक गतिशील एवं लचीले एशिया-प्रशांत सहयोग के माध्यम से विश्व में उत्कृष्ट योगदान देना चाहिए।
शी चिनफिंग ने आशा व्यक्त की कि सभी लोग अग्रणी, खुलेपन, नवाचार और दृढ़ता की उद्यमशीलता की भावना को आगे बढ़ाएंगे, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विकास और समृद्धि को संयुक्त रूप से बढ़ावा देंगे, और एशिया-प्रशांत क्षेत्र और विश्व के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए शक्तिशाली शक्तियों को एकजुट करेंगे।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            