क्या शी जिनपिंग ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- चीन और न्यूजीलैंड के बीच संबंध 50 वर्षों से अधिक पुरानी है।
- दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
- बुनियादी ढांचे, कृषि और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं हैं।
बीजिंग, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 20 जून की सुबह पेइचिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में चीन की आधिकारिक यात्रा पर आए न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से मुलाकात की।
शी जिनपिंग ने कहा कि राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से पिछले 50 वर्षों में चीन-न्यूजीलैंड संबंधों ने अंतर्राष्ट्रीय स्थिति के उतार-चढ़ाव का सामना किया है। दोनों पक्ष हमेशा एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और मिलकर आगे बढ़ते हैं। दोनों देशों के बीच संबंध लंबे समय से पश्चिमी विकसित देशों के साथ चीन के संबंधों में सबसे आगे रहे हैं, जिससे दोनों देशों के लोगों को ठोस लाभ मिला है। चीन-न्यूजीलैंड की व्यापक रणनीतिक साझेदारी अपने दूसरे दशक में प्रवेश कर रही है। अब दोनों पक्षों को नए दशक में चीन-न्यूजीलैंड संबंधों के और विकास को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि दोनों देशों के लोग बेहतर लाभ उठा सकें।
शी जिनपिंग ने यह भी कहा कि चीन और न्यूजीलैंड को द्विपक्षीय संबंधों में सहयोग को अधिक प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके साथ ही, व्यापार और निवेश सहयोग को बढ़ावा देते हुए वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार, जलवायु परिवर्तन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं का भी दोहन करना चाहिए। शिक्षा, संस्कृति, युवा और स्थानीय आदान-प्रदान को मजबूत करते हुए द्विपक्षीय संबंधों की अर्थवत्ता को बढ़ाना चाहिए।
लक्सन ने कहा कि न्यूजीलैंड-चीन संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं। वर्ष 2014 में शी जिनपिंग ने न्यूजीलैंड का दौरा किया था और दोनों पक्षों ने एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी स्थापित की थी। दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन में विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ रहा है। न्यूजीलैंड चीन के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है और 'एक-चीन नीति' का पालन करता रहेगा। न्यूजीलैंड चीन के साथ उच्चस्तरीय आदान-प्रदान बनाए रखने, व्यापार और निवेश का विस्तार करने, कृषि, मत्स्य पालन और डेयरी उद्योगों में सहयोग को गहरा करने के लिए तत्पर है, ताकि न्यूजीलैंड-चीन संबंधों के अधिक विकास को बढ़ावा मिल सके।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)