क्या शिबू सोरेन की अंतिम यात्रा ने झारखंड को एकजुट किया?

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क्या शिबू सोरेन की अंतिम यात्रा ने झारखंड को एकजुट किया?

सारांश

झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता शिबू सोरेन की अंतिम यात्रा ने रांची और पूरे देश में गहरा असर डाला है। उनके निधन पर राजकीय शोक की घोषणा से लेकर अंतिम विदाई में नेताओं और समर्थकों की भारी भीड़ ने यह साबित कर दिया कि शिबू सोरेन का योगदान हमेशा याद किया जाएगा।

Key Takeaways

  • शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव नेमरा में होगा।
  • उनकी अंतिम यात्रा रांची के मोरहाबादी से शुरू हुई।
  • राजकीय सम्मान से श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
  • देशभर से नेता और समर्थक अंतिम विदाई देने पहुंचे।
  • झारखंड सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।

रांची, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की अंतिम यात्रा सोमवार सुबह 10:45 बजे उनके रांची स्थित मोरहाबादी आवास से प्रारंभ हुई। शव यात्रा को सबसे पहले झारखंड विधानसभा ले जाया गया, जहाँ दिवंगत नेता को राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर रामगढ़ जिले के नेमरा स्थित उनके पैतृक गांव ले जाया जा रहा है, जहाँ पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

शिबू सोरेन को अंतिम विदाई देने के लिए देशभर से नेता और समर्थक रांची पहुंचे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव समेत कई प्रमुख नेता नेमरा में अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। रांची में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी, लोकसभा सांसद पप्पू यादव, राज्यसभा सांसद संजय सिंह समेत कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की।

इसके पहले शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन के लिए सोमवार शाम से लेकर मंगलवार सुबह तक हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। इस दौरान ‘वीर शिबू सोरेन अमर रहें’, 'गुरुजी अमर रहे' जैसे नारे गूंजते रहे। पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "शिबू सोरेन संघर्ष के प्रतीक थे। उन्होंने कभी झुकना नहीं सीखा। जब तक यह देश रहेगा, उनका नाम लिया जाएगा।"

उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर मांग की कि शिबू सोरेन को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। रांची एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, "यह सिर्फ झारखंड नहीं, पूरे देश के लिए क्षति है। उन्होंने झारखंड के लिए अपना जीवन समर्पित किया। अरविंद केजरीवाल और 'आप' की ओर से मैं शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।"

शिबू सोरेन का निधन सोमवार सुबह 81 वर्ष की आयु में हुआ था। उनके निधन पर झारखंड सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। 4 और 5 अगस्त को राज्य के सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।

Point of View

बल्कि पूरे भारत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपनी जीवनभर की राजनीति और संघर्ष के जरिए झारखंड की पहचान को विश्व स्तर पर स्थापित किया। उनकी अंतिम यात्रा ने यह सिद्ध किया कि वे केवल एक नेता नहीं थे, बल्कि एक जननायक थे।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार कहाँ होगा?
शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव नेमरा में होगा।
शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन के लिए कितने लोग आए थे?
अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग रांची पहुंचे थे।
झारखंड सरकार ने उनके निधन पर क्या घोषणा की?
झारखंड सरकार ने शिबू सोरेन के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।