क्या शिवगंगा हिरासत में हुई मौत की सीबीआई ने जांच शुरू की?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने अजीत कुमार की हिरासत में मौत की जांच शुरू की।
- मामला मद्रास हाईकोर्ट के निर्देश पर आगे बढ़ रहा है।
- पुलिस द्वारा हिरासत में टॉर्चर का आरोप है।
- राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
चेन्नई, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में पुलिस कस्टडी में हुई मौत के मामले की जांच अब सीबीआई ने आरंभ कर दी है। शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। सीबीआई ने शनिवार को इस बात की पुष्टि की।
सीबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "जांच एजेंसी ने 12 जुलाई 2025 को तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के पुलिसकर्मियों के खिलाफ अजीत कुमार की कथित हिरासत में मौत के संबंध में मामला दर्ज किया है, जो एक मंदिर में सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनात थे।"
अजीत कुमार की मौत को लेकर राज्य में भारी हंगामा मचा, जिसके बाद राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। प्रारंभ में शिवगंगा जिले के थिरुप्पुवनम पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। राज्य सरकार ने आगे की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया।
वर्तमान में सीबीआई ने भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा 103 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच अपने हाथ में ले ली है।
यह कदम मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच के निर्देश पर उठाया गया, जिसमें सीबीआई को जांच का जिम्मा संभालने और 20 अगस्त तक अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया था। 8 जुलाई को मदुरै बेंच ने सीबीआई को अजीत कुमार मामले में जांच के लिए एक टीम नियुक्त करने को कहा था। अदालत ने जांच अधिकारी (आईओ) को 20 अगस्त तक जांच पूरी करके संबंधित अदालत को अंतिम रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
पुलिस ने शिवगंगा जिले में मंदिर के सुरक्षा गार्ड अजित कुमार को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। कहा जा रहा है कि कथित तौर पर मंदिर के पास एक खड़ी कार से चोरी हुई थी। इस मामले में एक मौखिक शिकायत की जांच के दौरान अजित कुमार को पुलिस ने पकड़ा था।
29 जून को अजीत कुमार मृत पाए गए। आरोप है कि पुलिस टीम ने हिरासत के दौरान अजीत कुमार को टॉर्चर किया, जिससे उनकी मौत हुई। इस मामले में 6 पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए हैं।