क्या पंजाब सरकार का आचरण अलोकतांत्रिक है? शिवराज सिंह चौहान का आरोप

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क्या पंजाब सरकार का आचरण अलोकतांत्रिक है? शिवराज सिंह चौहान का आरोप

सारांश

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब सरकार के प्रस्तावों को अलोकतांत्रिक करार दिया है। उनके अनुसार, विधानसभा में संसद के कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाना संविधान के विरुद्ध है। जानें इस पर उनके विचार और पंजाब में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उनकी चिंताएँ।

Key Takeaways

  • शिवराज सिंह चौहान का आरोप है कि पंजाब सरकार का आचरण अलोकतांत्रिक है।
  • उन्होंने भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की कमी की आलोचना की।
  • पंजाब विधानसभा में संसद के कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाना संविधानिक जिम्मेदारी का उल्लंघन है।

भोपाल, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष और पंजाब सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में 'विकसित भारत- जी राम जी' के खिलाफ प्रस्ताव लाना लोकतांत्रिक और संविधान के विरुद्ध है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब विधानसभा में पेश किए गए प्रस्ताव पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इस एक दिवसीय सत्र में संसद के कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाने का एजेंडा रखा गया है। उन्होंने कहा कि यदि संसद में कोई कानून बनाया जाता है, तो विधानसभा में उसके खिलाफ प्रस्ताव पास करना संविधानिक ढांचे की भावना के खिलाफ है। क्या यह उचित होगा कि राज्य के कानूनों के खिलाफ जिला पंचायत, जनपद पंचायत या ग्राम पंचायत प्रस्ताव पारित करने लगे? उन्होंने स्पष्ट कहा कि संसद द्वारा पारित कानूनों को मानना केंद्र और सभी राज्यों की संविधानिक जिम्मेदारी है। पंजाब सरकार और विधानसभा में कुछ दल जो कर रहे हैं, वह अलोकतांत्रिक, अमर्यादित और संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह अंध विरोध की राजनीति है। कुछ लोग केवल विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं, जिसका लोकतंत्र और संविधानिक मर्यादाओं से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने पंजाब में मनरेगा सहित कई योजनाओं में सामने आए भ्रष्टाचार के मामलों पर कहा कि पंजाब में हजारों भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं, लेकिन न तो दोषियों पर कार्रवाई की गई और न ही गबन की गई राशि की वसूली हुई।

उन्होंने कहा कि पंजाब में 13 हजार 304 ग्राम पंचायतों में से केवल 5 हजार 915 में ही सोशल ऑडिट हुआ है। रिपोर्ट में करीब 10 हजार 653 वित्तीय गबन के मामले सामने आए, लेकिन इनमें किसी पर कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सड़क और नहरों की सफाई के नाम पर ओवर-एस्टिमेट बनाकर पैसा निकाला गया और केंद्रीय टीम की जांच के बाद भी वसूली की अनुशंसा पर अमल नहीं हुआ। जिन लोगों ने भ्रष्टाचार किया, दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। मनरेगा में जो गतिविधियो की मंजूरी ही नहीं थी, जैसे झाड़ी सफाई, मिट्टी भराव, मेड़ निर्माण, उन पर भी अनियमित खर्च किया गया।

शिवराज सिंह ने कहा कि मजदूर शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें मजदूरी तक नहीं मिल रही है। भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए काम नहीं किया जाता, पकड़े जाने पर भी कार्रवाई नहीं होती, और दूसरी तरफ विधानसभा में संसद के कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की बात होती है। यह अलोकतांत्रिक सोच है।

उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उत्तर बंगाल में महाकाल मंदिर बनाने की घोषणा पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों को मंदिर और धार्मिक आस्था केवल चुनाव के समय ही याद आती है। मंदिर और धार्मिक गतिविधियां आस्था का विषय होती हैं, लेकिन जब धार्मिक संस्थाओं पर हमले होते हैं, तब यही लोग चुप्पी साध लेते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि धर्म को चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

Point of View

यह जरूरी है कि हम इस मुद्दे को गंभीरता से लें। पंजाब सरकार के निर्णयों और प्रस्तावों की समीक्षा आवश्यक है। लोकतंत्र में सभी पक्षों की आवाज़ महत्वपूर्ण है, और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन हो।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब सरकार के खिलाफ क्या कहा?
उन्होंने पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव लाने को लोकतांत्रिक और संविधान विरोधी करार दिया है।
पंजाब में भ्रष्टाचार की स्थिति क्या है?
पंजाब में हजारों भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
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