क्या शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में 'विकसित भारत-जी रामजी बिल' पेश किया?
सारांश
Key Takeaways
- विकसित भारत-जी रामजी विधेयक 125 दिनों के मजदूरी रोजगार की गारंटी देगा।
- यह विधेयक गांवों के संपूर्ण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- केंद्र सरकार इस पर 95 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी।
- बजट का असमान वितरण और पंचायतों का ग्रेडेशन इस विधेयक में शामिल है।
- महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर आधारित है।
नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में विकसित भारत-जी रामजी (विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) के लिए गारंटी): विकसित भारत-जी रामजी विधेयक-2025 पेश किया। इस विधेयक के तहत हर वर्ष 125 दिनों के मजदूरी रोजगार की वैधानिक गारंटी प्रदान की जाएगी।
संसद में शिवराज सिंह ने कहा कि हमारा संकल्प है गरीबों का कल्याण और हमने इसी संकल्प को पूरा करने का प्रयास किया है। न केवल गरीबों का कल्याण बल्कि गांवों के संपूर्ण विकास का भी ध्यान रखा गया है, जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा था- एक संपूर्ण गांव, एक स्वावलंबी गांव, एक विकसित गांव का निर्माण। इस विधेयक में इस बात का प्रावधान किया गया है और इसके लिए केंद्र सरकार 95 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने का संकल्प लिया है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि पहले भी रोजगार की कई योजनाएं आईं, जिनमें से एक का नाम जवाहर रोजगार योजना था। कांग्रेस ने इसका नाम बदल दिया, क्या इससे पंडित जवाहरलाल नेहरू का अपमान हुआ? उन्होंने कहा कि गरीबों के कल्याण के लिए कई बार बजट का असमान वितरण होता है, जिससे कई पंचायतें विकास में पीछे रह जाती हैं। इसलिए इस विधेयक में पंचायत का ग्रेडेशन किया गया है, जिससे अविकसित पंचायतों को अधिक काम मिल सके।
शिवराज सिंह ने महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को ध्यान में रखते हुए कहा कि जो सबसे पीछे हैं, उनका कल्याण पहले होना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई गरीब कल्याण योजनाएं चलाई जा रही हैं।
केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि मनरेगा के संदर्भ में, कांग्रेस और यूपीए केवल मनरेगा लेकर आई थीं, जबकि हमने 8 लाख 53 हजार 810 करोड़ रुपए गरीब कल्याण पर खर्च किए हैं और इस योजना को मजबूत बनाने का प्रयास किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि नया बिल गांवों के संपूर्ण विकास के लिए है। शरद पवार के समय कृषि कार्यों के लिए मजदूरों की कमी की चिंता को भी ध्यान में रखा गया है। शिवराज सिंह ने कहा कि यह बिल गांधी जी की भावनाओं के अनुरूप है और राम राज्य की स्थापना के लिए है।