क्या श्री प्रसन्नास वीरंजनेयस्वामी की कृपा से भय, बाधा और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है?
सारांश
Key Takeaways
- हनुमान की अद्भुत प्रतिमा
- नवग्रहों से मुक्ति का स्थान
- भक्तों की आस्था और विश्वास
- विशेष पूजा और अनुष्ठान
- स्थानीय लोगों की प्रयासों का परिणाम
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में अनेक चमत्कारी मंदिर विद्यमान हैं, जिनका विशेष महत्व और ऐतिहासिक आधार है। पवनपुत्र हनुमान जी के कई मंदिर देशभर में हैं, जो भूत-प्रेत और अन्य बाधाओं से मुक्ति दिलाने का विश्वास रखते हैं।
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक ऐसा मंदिर स्थित है, जहां हनुमान अपने अद्वितीय स्वरूप में नवग्रहों की समस्याओं को दूर करने में सहायता करते हैं। इस मंदिर में भक्त दूर-दूर से नवग्रह पूजा कराने के लिए आते हैं।
महालक्ष्मीपुर के निकट एक पहाड़ी पर श्री प्रसन्नास वीरंजनेयस्वामी का मंदिर है। यहां की हनुमान की प्रतिमा अत्यंत अद्भुत है, जिसके चेहरे पर एक विशाल मुस्कान विद्यमान है। यह प्रतिमा हनुमान के वीर और प्रसन्न रूप का अद्वितीय उदाहरण है, जो भारत के अन्य हिस्सों में नहीं देखने को मिलता। यह मंदिर भय, बाधा और नकारात्मकता से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध है।
यह माना जाता है कि इस मंदिर में इतनी शक्ति है कि यह नवग्रहों की स्थिति को सुधार सकती है। भक्तों की आस्था इस प्रतिमा की प्राचीनता और इसे स्वयंभू मानने के कारण है।
भक्तों का यह भी विश्वास है कि यहां केवल दर्शन करने से गर्भवती महिलाओं को प्रसव से संबंधित समस्याओं से राहत मिलती है और वे सुरक्षित प्रसव का अनुभव करती हैं।
दावा किया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1976 में आरंभ हुआ था। इसे किसी राजा या शासक ने नहीं, बल्कि स्थानीय निवासियों ने बनवाया था। यहां नवग्रह से संबंधित समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इसे चमत्कारी माना जाता है। भक्त हनुमान को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान भी आयोजित करते हैं।
यहां हनुमान जयंती और मंगलवार को विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं, जिससे भक्तों की भीड़ लगती है। मंगलवार और शनिवार को भक्त अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए विशेष रूप से मंदिर आते हैं और अभिषेक कराते हैं। हालांकि, मंदिर के पीछे कोई पौराणिक कथा नहीं है, लेकिन इसकी भक्तों के बीच बहुत मान्यता है।