क्या श्री वासवी कन्याका परमेश्वरी देवी मंदिर 'वैश्यों की काशी' के रूप में प्रसिद्ध है?
सारांश
Key Takeaways
- श्री वासवी कन्याका परमेश्वरी देवी मंदिर आंध्र प्रदेश में है।
- यह वैश्य समुदाय का पवित्र स्थल है।
- मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है।
- वासवम्बा की कथा मंदिर से जुड़ी हुई है।
- मंदिर में मां पार्वती का रूप पूजा जाता है।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण भारत के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे कई धार्मिक स्थल हैं जो अपनी वास्तुकला और मान्यताओं के लिए मशहूर हैं। इनमें से एक अद्भुत मंदिर है आंध्र प्रदेश के पेनुगोंडा में, जिसका नाम है श्री वासवी कन्याका परमेश्वरी देवी मंदिर। यह मंदिर वैश्य समुदाय के लिए एक पवित्र जगह के रूप में जाना जाता है।
ये मंदिर पश्चिम गोदावरी जिले में स्थित हैं, और इस स्थान को वासवी कणिका परमेश्वरी का जन्मस्थान माना जाता है। इसे 'वैश्यों की काशी' कहा जाता है। ये मंदिर आंध्र प्रदेश के कोमाटी समुदाय की परंपराओं का प्रतीक हैं, जहाँ लोग कन्याका परमेश्वरी देवी को मां पार्वती के रूप में पूजा करते हैं। यह मां का सबसे पवित्र रूप माना जाता है, जिसमें आर्य वैश्य, कलिंग वैश्य, अरवा वैश्य, मराठी वैश्य, बेरी वैश्य और त्रिवर्णिका वैश्य शामिल हैं।
इस मंदिर के पीछे एक प्राचीन कथा है। कहा जाता है कि राजा कुसुम श्रेष्ठी और उनकी पत्नी कुसुसमाम्बा ने बहुत तप करने के बाद एक पुत्री वासवम्बा को जन्म दिया, जो कई कलाओं में निपुण थी। उनकी संपूर्णता को देखकर राजा विष्णु वर्धन ने विवाह का प्रस्ताव रखा, लेकिन राजा कुसुम श्रेष्ठी इससे सहमत नहीं हुए।
वासवम्बा ने जीवन भर कुंवारी रहने का प्रण लिया, जिससे विष्णु वर्धन ने पेनुगोंडा पर आक्रमण कर दिया। जब राज्य हारने लगा, तब वासवम्बा ने मां पार्वती के रूप में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया और राज्य की रक्षा की। तभी से उन्हें मां पार्वती के अवतार के रूप में पूजा जाता है।
कन्याका परमेश्वरी देवी मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है। यहाँ कई ऊंचे राजगोपुरम हैं, जिन्हें सुंदर मूर्तियों से सजाया गया है। राजगोपुरम में भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और वासवम्बा के माता-पिता की मूर्तियाँ भी हैं। मंदिर का मुख्य गर्भगृह है, जहाँ मां कन्याका परमेश्वरी की प्रतिमा स्थापित है।
कन्याका परमेश्वरी देवी मंदिर सुबह 6 बजे से 12 बजे तक और दोपहर 3:30 से 8 बजे तक खुलता है। यदि आप मां कन्याका परमेश्वरी देवी के दर्शन करना चाहते हैं, तो मंदिर के निकट अस्तलक्ष्मी मंदिर भी है, जो मां लक्ष्मी का एक प्रसिद्ध स्थल है। इसके अलावा, वहाँ से श्री वेंकटेश्वर वेद पाठशाला की यात्रा भी की जा सकती है, जो भीमावरम गांव में स्थित है।