क्या श्रीमंत झा ने एशियन पैरा आर्म रेसलिंग कप में सिल्वर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया?
सारांश
Key Takeaways
- श्रीमंत झा ने सिल्वर मेडल जीतकर भारत का मान बढ़ाया।
- यह पदक शहीद जवानों को समर्पित किया गया।
- श्रीमंत ने अब तक 61 अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते हैं।
- उनका अगला लक्ष्य गोल्ड मेडल जीतना है।
- मेहनत और लगन से सफलता हासिल की जा सकती है।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्रीमंत झा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का मान बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने यूएई के शारजाह में चल रहे एशियन पैरा आर्म रेसलिंग कप 2025 के 85 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीता। श्रीमंत ने इस उपलब्धि को देश के शहीद जवानों को समर्पित किया है।
शानदार ताकत, तकनीक और धैर्य का प्रदर्शन करते हुए इस पदक को हासिल करने वाले श्रीमंत झा ने कहा, "यह मेरे लिए एक विशेष उपलब्धि है। मैं हर मैच में देश के वीर जवानों की प्रेरणा से खेलता हूं। अब मेरा लक्ष्य आगामी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम और ऊंचा करना है। मेरी हर जीत उन वीर जवानों के लिए है, जिन्होंने अपनी जान देश की सुरक्षा में न्योछावर की। यह सिल्वर मेडल मैं उन सभी शहीदों को समर्पित करता हूं।"
एशियन पैरा आर्म रेसलिंग कप 2025 की शुरुआत 4 दिसंबर को हुई थी और यह प्रतियोगिता 10 दिसंबर 2025 तक शारजाह में चलेगी।
विश्व के तीसरे
श्रीमंत झा अब तक भारत के लिए 61 अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत चुके हैं, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस सफलता ने एशिया में उनकी स्थिति और भी मजबूत की है।
पीपल्स आर्म रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष प्रीति झंगियानी, छत्तीसगढ़ आर्म रेसलिंग संघ के अध्यक्ष जी सुरेश बाबे, चेयरमैन बृज मोहन सिंह, सचिव श्रीकांत कृष्ण साहू और कोच राजू साहू ने श्रीमंत झा को इस शानदार उपलब्धि पर बधाई दी है।
इससे पहले, श्रीमंत झा 30 जनवरी से 6 फरवरी 2025 के बीच उज्बेकिस्तान में आयोजित वर्ल्ड पैरा आर्म रेसलिंग कप 2025 में भी सिल्वर मेडल जीत चुके हैं।
इस जीत ने श्रीमंत झा को प्रेरित किया है कि खिलाड़ी कड़ी मेहनत और समर्पण से अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ें। उनका मानना है कि हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। मेहनत और लगन ही सफलता की कुंजी है। हमें अपने सपनों पर विश्वास रखना चाहिए, क्योंकि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती।