क्या साइमन जोंस एशेज के भुला दिए गए हीरो हैं, जिनकी रिवर्स स्विंग से पोंटिंग भी खौफजदा थे?
सारांश
Key Takeaways
- साइमन जोंस की रिवर्स स्विंग ने कई मैचों में खेल का दिशा बदल दी।
- चोटों के बावजूद उनका प्रभावशाली प्रदर्शन एक प्रेरणा है।
- उनकी गेंदबाजी शैली ने उन्हें एक अद्वितीय गेंदबाज के रूप में स्थापित किया।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच 2005 में खेली गई एशेज सीरीज में साइमन जोंस ने अपनी रिवर्स स्विंग से अद्भुत प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन्होंने 4 मुकाबलों में 21 की औसत के साथ 18 विकेट हासिल कर इंग्लैंड को सीरीज जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
6 फीट 3 इंच के साइमन एक राइट-आर्म फास्ट-मीडियम गेंदबाज थे, जिनमें रिवर्स स्विंग कराने की अनूठी क्षमता थी। उनकी तेज गति, बेहतरीन लाइन-लेंथ और बल्लेबाजों पर लगातार दबाव डालने की शैली के लिए उन्हें जाना जाता था।
जब साइमन की गेंद पिच पर गिरती, तो वह तेजी से अंदर की ओर आती, जिससे बल्लेबाज धोखे में पड़ जाता। हालांकि, चोटों के कारण उनका करियर छोटा रहा, लेकिन केवल 2 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में उन्होंने विश्व क्रिकेट पर गहरा प्रभाव छोड़ा।
2005 की एशेज सीरीज में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच लॉर्ड्स में पहला मैच खेला गया, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 239 रन से जीत लिया। इस मुकाबले में साइमन ने दो पारियों में 3 विकेट लिए।
इंग्लैंड की टीम सीरीज में 0-1 से पीछे थी। ऐसे में मेजबान टीम को सीरीज में बराबरी की जरूरत थी। दोनों देशों के बीच सीरीज का दूसरा मुकाबला बर्मिंघम में खेला गया, जिसमें साइमन ने कुल 3 विकेट लेकर जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस तरह दोनों टीमें सीरीज में 1-1 की बराबरी पर थीं। तीसरा मुकाबला मैनचेस्टर में खेला गया, जिसमें इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को कड़ी टक्कर देते हुए मैच ड्रॉ करवाया।
इंग्लैंड ने पहली पारी में 444 रन बनाए। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम साइमन जोंस की घातक गेंदबाजी के सामने केवल 302 रन पर सिमट गई।
इस पारी में जोंस ने अपनी रिवर्स स्विंग का जादू दिखाते हुए 17.5 ओवरों में 53 रन देकर 6 विकेट लिए, जिसमें रिकी पोंटिंग का विकेट भी शामिल था। अगली इनिंग में उन्होंने एक विकेट लिया।
इस सीरीज का चौथा मुकाबला नॉटिंघम में हुआ, जिसमें साइमन ने 'फाइव विकेट हॉल' लिया और इंग्लैंड की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इंग्लैंड ने पहली पारी में 477 रन बनाए। इसके जवाब में, जोंस की शानदार गेंदबाजी के सामने ऑस्ट्रेलिया टीम केवल 218 रन पर सिमट गई। साइमन ने इस पारी में 14.1 ओवर44 रन5 विकेट निकाले, जिसमें रिकी पोंटिंग का विकेट भी शामिल था।
इंग्लैंड को पहली पारी के आधार पर 259 रन की बढ़त मिली। ऑस्ट्रेलियाई टीम को फॉलोऑन खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन इस पारी में मेहमान टीम केवल 387 रन पर सिमट गई।
ऑस्ट्रेलियाई टीम को कप्तान रिकी पोंटिंग से विशेष उम्मीदें थीं, लेकिन वह रन आउट होकर पवेलियन लौट गए। इंग्लैंड को जीत के लिए 129 रन का लक्ष्य मिला, जिसे इस टीम ने 31.5 ओवर में 7 विकेट खोकर हासिल कर लिया।
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में साइमन ने केवल 4 ओवर गेंदबाजी की। इंग्लैंड ने अपने मुख्य तेज गेंदबाज को आराम देने के लिए सब्स्टीट्यूट फील्डर गैरी प्रैट को मैदान पर बुलाया, जिन्होंने पोंटिंग को शानदार डायरेक्ट हिट से रन आउट किया।
उस समय पोंटिंग इंग्लैंड की उस रणनीति से नाराज थे, जिसमें यह टीम अपने मुख्य तेज गेंदबाज को आराम देने के लिए सब्स्टीट्यूट फील्डर को मैदान पर रखती थी। पोंटिंग ने इसे खेल भावना के खिलाफ बताते हुए कहा था, "साइमन जोंस नहीं, तो सब सही।"
पोंटिंग का कहना था कि अगर जोंस जैसे मुख्य खिलाड़ी मैदान से बाहर हैं, तो ठीक है, लेकिन इस तरह से नियमों का गलत इस्तेमाल करना सही नहीं है। पोंटिंग ने मैच रेफरी से भी इसकी शिकायत की थी। साइमन जोंस सीरीज का अंतिम मुकाबला नहीं खेल सके, जिसे इंग्लैंड ने ड्रॉ कराकर सीरीज 2-1 से अपने नाम किया।
साइमन जोंस ने अपने करियर में केवल 18 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 28.2359 विकेट हासिल किए। इसके अलावा, उन्होंने 8 वनडे मुकाबलों में 7 विकेट निकाले।