क्या सिरमौर में एमएसएमई योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- एमएसएमई योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा उपलब्ध है।
- युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
- यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश के उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रयास है।
- विशेषज्ञों द्वारा व्यवसाय शुरू करने और बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
- बैंक अधिकारी और अन्य विशेषज्ञों की उपस्थिति से प्रतिभागियों को उपयोगी जानकारी मिली।
सिरमौर, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में बुधवार को एमएसएमई योजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है, जिससे हिमाचल का नाम और भी रोशन हो सके।
सिरमौर में आयोजित इस सेमिनार में युवाओं को एमएसएमई योजना के तहत कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा के बारे में जानकारी दी गई, जिससे वे अपने रोजगार की शुरुआत कर सकें।
मीडिया से बातचीत में हिमाचल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सतीश गोयल ने बताया कि इस सेमिनार में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था। यहां एमएसएमई के तहत कारोबार शुरू करने और बढ़ाने के लिए विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि युवाओं को इस योजना के माध्यम से नया स्वरोजगार शुरू करने और अपने कारोबार का विस्तार कैसे किया जा सकता है, इस पर भी चर्चा की गई।
सतीश गोयल ने बताया कि यह केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिससे लोग लाभ उठा रहे हैं। लोन आसानी से मिल जाता है और नए स्टार्टअप के लिए भी ऋण की सुविधा उपलब्ध है।
एमएसएमई आईडीएस ऑफिसर अशोक कुमार गौतम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एमएसएमई योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी संदर्भ में पांवटा साहिब के औद्योगिक क्षेत्र गोंदपुर में एमएसएमई पब्लिक प्रोक्योरमेंट और मार्केट सपोर्ट स्कीम के प्रमोशन के लिए एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में बैंक अधिकारी, आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ, उद्योग विभाग के अधिकारी और नेशनल एससीएसटी हब के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, जो प्रतिभागियों को उपयोगी जानकारी प्रदान कर रहे थे। अशोक कुमार गौतम ने कहा कि अगर एमएसएमई इकाई कोई उत्पाद बनाती है, तो उसे बेचना एक जटिल प्रक्रिया होती है। ऐसे में इन विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रतिभागियों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही, हिमाचल के उत्पादों को केवल राज्य तक सीमित न रखकर, राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।