क्या हिमाचल प्रदेश के सोलन में पेयजल संकट का स्थायी समाधान मिलेगा?

सारांश
Key Takeaways
- सोलन में पेयजल संकट बढ़ा है।
- बढ़ती जनसंख्या ने समस्या को जटिल किया है।
- जल शक्ति विभाग ने अस्थायी समाधान के लिए टैंकरों का उपयोग किया है।
- स्थायी समाधान के लिए आधुनिक तकनीक की आवश्यकता है।
- सरकार दीर्घकालिक योजनाओं पर काम कर रही है।
सोलन, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश का सोलन शहर पेयजल संकट से जूझ रहा है। यहां के निवासियों को पानी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिसे स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने भी एक गंभीर चुनौती माना है। बढ़ती जनसंख्या और पुराने ढांचे की सीमाओं ने इस समस्या को और भी जटिल बना दिया है।
मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने स्वीकार किया कि जल शक्ति विभाग इस समस्या से निपटने के लिए पूरी मेहनत कर रहा है। जहां वर्तमान में जल संकट अपने चरम पर है, वहां टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा, अच्छे स्रोतों से पानी खींचने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, लेकिन यह केवल एक अस्थायी समाधान है।
उन्होंने कहा कि स्थायी समाधान के लिए आधुनिक फिल्ट्रेशन और लिफ्टिंग मशीनरी की आवश्यकता है, जो बड़े कणों को पानी में मिलाने से रोके और पहाड़ी इलाकों में जल आपूर्ति को आसान बनाए।
मंत्री ने कहा कि हमारा ध्यान समस्या को केवल गिनाने में नहीं, बल्कि उसे जड़ से खत्म करने पर है। सोलन की जनसंख्या में हर वर्ष लगभग 12 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है, जिसके कारण पानी की मांग तेजी से बढ़ी है। मौजूदा जल आपूर्ति ढांचा इस बढ़ते दवाब को सहन करने में असमर्थ है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि जल उपलब्धता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे। सरकार दीर्घकालिक योजनाओं पर कार्य कर रही है, जिसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग और बुनियादी ढांचे का विस्तार शामिल है। इसके तहत नए जल स्रोतों की खोज, पुराने पाइपलाइन नेटवर्क का उन्नयन, और जल संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। हम निवासियों से धैर्य बनाए रखने और जल संरक्षण में सहयोग करने की अपील करते हैं।
सोलन के निवासियों का कहना है कि पानी की कमी ने उनके दैनिक जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। कई क्षेत्रों में दिन में केवल कुछ घंटों के लिए ही पानी उपलब्ध हो पाता है। हम सरकार से त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की मांग करते हैं।