क्या दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के संयुक्त सैन्य अभ्यास ने उत्तर कोरिया का पारा बढ़ा दिया?

सारांश
Key Takeaways
- दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के बीच त्रिपक्षीय अभ्यास शुरू हुआ।
- अभ्यास का उद्देश्य उत्तर कोरिया के खतरों का सामना करना है।
- तीनों देशों ने सुरक्षा सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया है।
- उत्तर कोरिया ने अभ्यास का विरोध किया है।
- अभ्यास १५ से १९ सितंबर तक चलेगा।
सोल, १५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान ने सोमवार को अपना त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास आरंभ किया। यह अभ्यास एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखने और उत्तर कोरिया के सैन्य खतरे के खिलाफ सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए तीनों देशों के निरंतर प्रयासों का प्रतीक है।
यह पांच दिवसीय अभ्यास दक्षिण कोरिया के दक्षिणी द्वीप जेजू के पूर्व और दक्षिण में अंतर्राष्ट्रीय जलक्षेत्र में शुरू हुआ।
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ (जेसीएस) के प्रवक्ता यांग सेउंग-क्वान ने एक प्रेस वार्ता में कहा, "फ्रीडम एज अभ्यास १९ सितंबर तक चलेगा, जिसका उद्देश्य उत्तर कोरिया के उभरते परमाणु और मिसाइल खतरों का सामना करने की क्षमताओं को मजबूत करना है।"
यह तीनों देशों का तीसरा सैन्य अभ्यास है। इससे पहले, पिछले साल जून और नवंबर में भी तीनों देश मिलकर अभ्यास कर चुके हैं। यह अभ्यास दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के बाद का पहला अभ्यास है।
अमेरिकी हिंद-प्रशांत कमान के अनुसार, यह अभ्यास एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति स्थापित करने और बनाए रखने के लिए देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। तीनों देश बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के उद्देश्य से अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही, जवान वायु रक्षा, चिकित्सा और समुद्री अभियान से जुड़े प्रशिक्षण में भी भाग लेंगे।
इस बीच, उत्तर कोरिया ने तीनों देशों के संयुक्त अभ्यास का विरोध करते हुए चेतावनी दी है कि पिछले फ्रीडम एज अभ्यासों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें अमेरिकी परमाणु ऊर्जा चालित विमानवाहक पोत शामिल थे। पिछले साल जून में हुए पहले सैन्य अभ्यास को उत्तर कोरिया ने अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गुट को मजबूत करने का प्रयास बताया था।
फ्रीडम एज अभ्यास के साथ-साथ, दक्षिण कोरिया और अमेरिका सोमवार से शुक्रवार तक आयरन मेस टेबलटॉप सैन्य अभ्यास भी करेंगे, जिसका उद्देश्य उत्तर कोरियाई खतरों का सामना करने के लिए वाशिंगटन की परमाणु संपत्तियों और सियोल की पारंपरिक क्षमताओं का एकीकरण है।
योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, रविवार को उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन की बहन किम यो-जोंग ने इस अभ्यास की निंदा की और चेतावनी दी कि लापरवाह बल प्रदर्शन का परिणाम बुरा हो सकता है।
जब जेसीएस के अधिकारी यांग से पूछा गया कि क्या कोई मिसाइल परीक्षण या गतिविधियों के संकेत मिले हैं, तो उन्होंने कहा कि उन्हें उत्तर कोरिया की सेना की असामान्य गतिविधियों की जानकारी नहीं है।