क्या पहलगाम आतंकी हमले की जांच होनी चाहिए? सपा नेता फखरुल हसन का बयान

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क्या पहलगाम आतंकी हमले की जांच होनी चाहिए? सपा नेता फखरुल हसन का बयान

सारांश

सपा नेता फखरुल हसन ने पहलगाम आतंकी हमले की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि भाजपा सरकार ने इस घटना को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है। जानें इस विवादास्पद हमले के पीछे की सच्चाई और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ।

Key Takeaways

  • पहलगाम आतंकी हमला एक गंभीर विषय है।
  • सपा ने जांच की मांग की है।
  • भाजपा पर नफरत और बंटवारे की राजनीति का आरोप।
  • उत्तर प्रदेश में अत्याचार बढ़ रहे हैं।
  • सामाजिक न्याय और शांति के लिए संघर्ष जारी रहेगा।

लखनऊ, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता फखरुल हसन ने पहलगाम आतंकी हमले, उत्तर प्रदेश में हो रहे अत्याचार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नीतियों पर कड़ा प्रहार किया।

हसन ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि इस हमले में कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होना चाहिए। मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया है कि हमले में शामिल आतंकवादियों को छोड़ दिया गया था, जिस पर कांग्रेस ने भी सवाल उठाए हैं। सपा का मानना है कि यदि यह सच है, तो यह एक गंभीर चूक है। उन्होंने सरकार से इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।

फखरुल हसन ने इजरायल-ईरान तनाव और गाजा में मासूमों की हत्या की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि इजरायल द्वारा अस्पतालों और स्कूलों पर हमले और खाद्य-पानी की आपूर्ति रोकना अमानवीय है। सपा का मानना है कि शांति ही इस क्षेत्र के लिए सबसे अच्छा रास्ता है, जैसा कि गांधी जी का भारत चाहता है।

उत्तर प्रदेश की स्थिति पर हसन ने कहा कि राज्य में पिछड़े, दलित और मुस्लिम समुदायों पर अत्याचार बढ़े हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के मंदिर जाने पर उन्हें धोया गया, इटावा में एक कथा कथावाचक का सिर मुंडवाया गया और बारातियों पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने इन घटनाओं के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

हसन ने भाजपा पर नफरत और बंटवारे की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सदियों से साथ रहते आए हैं और उन्हें एक-दूसरे के त्योहारों, परंपराओं या पूजा-पाठ से कोई दिक्कत नहीं है। यदि किसी को दिक्कत है, तो वह भाजपा है, जो वोट बैंक के लिए धर्म और जाति पर राजनीति करती है।

सपा के बागी विधायकों पर हसन ने कहा कि जो विधायक पार्टी के खिलाफ बयान दे रहे हैं, उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देकर चुनाव लड़ना चाहिए। ये विधायक सपा के चिह्न और कार्यकर्ताओं की मेहनत से जीते थे, लेकिन अब भाजपा के इशारे पर पार्टी का विरोध कर रहे हैं।

वहीं, आपातकाल पर हसन ने कहा कि सपा ने २०१२-१७ में ही उस दौरान जेल गए लोगों को पेंशन देने की मांग उठाई थी। सपा ने रेलवे के निजीकरण और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी आंदोलन की बात की। उन्होंने जोर देकर कहा कि सपा उत्तर प्रदेश और देश में सामाजिक न्याय और शांति के लिए संघर्ष जारी रखेगी।

Point of View

जिसमें न केवल आतंकवाद की समस्या है, बल्कि राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ भी शामिल हैं। सपा नेता का यह बयान दर्शाता है कि इस घटना ने राजनीतिक माहौल में भी हलचल मचा दी है। देश की सुरक्षा और सामाजिक न्याय के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हर घटना की गहराई से जांच की जाए।
NationPress
24/06/2025

Frequently Asked Questions

पहलगाम आतंकी हमले में किसकी भूमिका है?
इस हमले में आतंकी समूह की भूमिका है और इसकी जांच होनी चाहिए।
फखरुल हसन ने क्या मांगा है?
फखरुल हसन ने इस हमले की जांच की मांग की है।
भाजपा पर क्या आरोप लगाए गए हैं?
भाजपा पर नफरत और बंटवारे की राजनीति करने का आरोप लगाया गया है।
उत्तर प्रदेश में स्थिति कैसी है?
उत्तर प्रदेश में दलित, पिछड़े और मुस्लिम समुदायों पर अत्याचार बढ़े हैं।
सपा का मुख्य मुद्दा क्या है?
सपा का मुख्य मुद्दा सामाजिक न्याय और शांति है।