क्या स्टालिन ने ‘माय बूथ, विक्ट्री बूथ’ अभियान का दूसरा चरण शुरू किया और भाजपा नेतृत्व पर निशाना साधा?
सारांश
Key Takeaways
- डीएमके का अभियान राजनीतिक चेतना को जगाने के लिए है।
- बूथ स्तर पर मतदाता सत्यापन का अभियान चलाया जाएगा।
- भाजपा पर अप्रत्यक्ष निशाना साधा गया है।
- 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
- डीएमके ने प्रति बूथ 440 वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
चेन्नई, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने बुधवार को पार्टी के जमीनी अभियान “माय बूथ, विक्ट्री बूथ” के दूसरे चरण की शुरुआत की। स्टालिन ने स्पष्ट किया कि अगर कोई भी तमिलनाडु को राजनीतिक रूप से चुनौती देने का प्रयास करता है, तो राज्य के हर मतदान केंद्र पर उपस्थित डीएमके का मजबूत कैडर उसका जवाब देगा।
भाजपा नेतृत्व पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि डीएमके की “काला-लाल सेना” हर बूथ पर “उचित सबक” सिखाएगी।
2026 के विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही राज्य में राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आई है। चुनावी तैयारी के तहत डीएमके ने “माय बूथ, विक्ट्री बूथ” अभियान शुरू किया था, जिसके पहले चरण में बूथ समितियों को राज्य के 68,463 मतदान केंद्रों पर मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया गया था।
अभियान के दूसरे चरण का औपचारिक शुभारंभ स्टालिन ने चेन्नई के अल्वरपेट में किया। नए कार्यक्रम के अनुसार डीएमके कार्यकर्ता एक माह तक (10 जनवरी तक) राज्यभर में जनचर्चाएं, नुक्कड़ सभाएं और घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन अभियान चलाएंगे।
इस अभियान का उद्देश्य 68,463 मतदान केंद्रों पर तैनात लगभग 6.8 लाख बूथ समिति सदस्यों को सक्रिय करना है ताकि बूथ स्तर पर मजबूती सुनिश्चित की जा सके। पार्टी ने प्रति बूथ कम से कम 440 वोट पाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर स्टालिन ने कहा कि दिल्ली में कितनी भी राजनीतिक रणनीतियां क्यों न बनाई जाएं, कोई भी तमिलनाडु को राजनीतिक रूप से नहीं जीत सकता। गृह मंत्री अमित शाह पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि “दिल्ली का अहंकार” तमिलनाडु में नहीं चल सकता।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की राजनीतिक चेतना और द्रविड़ीय परंपरा को न तो बाहरी दबाव से दबाया जा सकता है और न ही केंद्रीकृत राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं इसे प्रभावित कर सकती हैं। अभियान का दूसरा चरण डीएमके की चुनावी तैयारियों में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जो 2026 के चुनाव के लिए बूथ स्तर पर मजबूत पकड़ बनाने पर केंद्रित है।