क्या स्टील उभरते भारत का आधार है? : पीएमओ

सारांश
Key Takeaways
- स्टील भारत के विकास की रीढ़ है।
- पीएम मोदी के नेतृत्व में स्टील उत्पादन में वृद्धि हुई है।
- भारत अब ग्लोबल स्टील लीडर बनने के लिए अग्रसर है।
- आत्मनिर्भरता और गुणवत्तापूर्ण स्टील का उत्पादन बढ़ रहा है।
- 2024 से पहले स्टील का उत्पादन 300 मिलियन टन तक पहुंचने की संभावना है।
नई दिल्ली, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किए गए एक पोस्ट में बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर और डिफेंस से लेकर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और क्लीन एनर्जी तक, स्टील उभरते भारत की रीढ़ है।
पीएमओ ने केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी के पोस्ट को फिर से साझा करते हुए लिखा, "केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बताया कि नीतिगत प्रोत्साहन और इनोवेशन भारत को किस प्रकार ग्लोबल स्टील लीडर बनने की दिशा में अग्रसर कर रहे हैं।"
केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने एक्स पर साझा किए गए एक पोस्ट में कहा कि भारतीय स्टील हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर की क्रांति का केंद्र है।
उन्होंने अपने द्वारा लिखित एक लेख का लिंक साझा करते हुए कहा, "स्टील सेक्टर एक नए भारत के उदय को आकार दे रहा है। राजमार्गों से लेकर हाई-स्पीड रेल, मेट्रो नेटवर्क से लेकर रिन्यूएबल पार्क, ईवी से लेकर डिफेंस तक, भारतीय स्टील हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर की क्रांति का केंद्र है।"
उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश बन गया है। 2014 से स्टील उत्पादन लगभग दोगुना हो चुका है और हम 2030 में 300 मिलियन टन के अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।
उन्होंने आगे बताया कि घरेलू रूप से निर्मित आयरन और स्टील उत्पाद नीति और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन जैसे दूरदर्शी सुधारों के माध्यम से हम क्षमता, आत्मनिर्भरता और ग्रीन स्टील इनोवेशन को बढ़ावा दे रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा, "आज, भारत गुणवत्तापूर्ण स्टील का निर्यात करता है, इसका निर्माण अपने बलबूते पर करता है और एमएसएमई के साथ-साथ मुख्य उद्योगों को सशक्त बनाता है। यह आत्मनिर्भर भारत बनने की प्रक्रिया है।"
उन्होंने कहा, "स्टील केवल एक धातु नहीं है। यह उभरते और मजबूत भारत का आधार है।"
देश का स्टील उत्पादन 2014 में 81 मिलियन टन से कुछ अधिक था। आज यह 152 मिलियन टन को पार कर गया है। यह क्षमता लगभग दोगुनी हो गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है, जहां स्टील की मांग लगातार बढ़ रही है।