क्या हमें मस्जिद से नहीं, इसके नाम से आपत्ति है? : सुकांत मजूमदार
सारांश
Key Takeaways
- सुकांत मजूमदार ने टीएमसी विधायक के ऐलान पर प्रतिक्रिया दी।
- उन्हें मस्जिद के नाम से आपत्ति है, न कि खुद मस्जिद से।
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राजनीतिक लाभ के लिए खेल खेलने का आरोप।
- पश्चिम बंगाल पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया गया।
- राजनीतिक रणनीति का एक नया मोड़।
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय राज्यमंत्री सुकांत मजूमदार ने शनिवार को टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा 'बाबरी मस्जिद' बनाने के ऐलान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
सुकांत मजूमदार ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि हमें मस्जिद बनाने से कोई आपत्ति नहीं है। हमें आपत्ति इसके नाम से है। भाजपा इसका विरोध करेगी, पुरजोर तरीके से विरोध करेगी। यह सब कुछ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से खेला जा रहा एक ऐसा खेल है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने सवाल किया कि अगर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहतीं तो क्या हुमायूं कबीर को दो दिन के लिए जेल में नहीं डाल सकती थीं? पश्चिम बंगाल में जब भाजपा का कोई रैली या कार्यक्रम होता है, तो ममता बनर्जी की पुलिस उस कार्यक्रम में विघ्न डालती है। लेकिन, आज इनकी इतनी हिम्मत नहीं हुई कि कोई कार्रवाई कर सकें।
उन्होंने कहा कि आज पश्चिम बंगाल की पुलिस हुमायूं कबीर की पूरी मदद कर रही है, जबकि उसे टीएमसी की तरफ से निलंबित किया जा चुका है। यह साफ जाहिर होता है कि सरकार की तरफ से पुलिसकर्मियों को निर्देश मिला होगा कि वे हुमायूं कबीर की मदद करें। प्रदेश की जनता सब कुछ समझ रही है। आप लोग इसे छुपा नहीं पाओगे।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री यह सब कुछ राजनीतिक लाभ अर्जित करने के मकसद से कर रही हैं। टीएमसी आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने की कोशिश कर रही है, जो मुझे समझता हूं कि बिल्कुल भी उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंदुओं को फिर से मूर्ख बनाने की कोशिश कर रही हैं। वे लोगों के बीच खुद की छवि ‘हिंदू हितैषी’ के रूप में दिखाने की कोशिश कर रही हैं। लोगों के बीच में एक ऐसा संदेश स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं, जिससे लगे कि वे हिंदुओं का हित चाहती हैं। मुख्यमंत्री ना हिंदुओं की हैं और ना ही मुस्लिमों की। वे सिर्फ अपने परिवार के हित के बारे में सोचती हैं कि कैसे उनका भला किया जा सके। लेकिन, आज ममता बनर्जी का कोई भी दांव प्रदेश की राजनीति में सफल होने वाला नहीं है।