क्या छत्तीसगढ़ के सुकमा में माओवादियों का सफाया हो रहा है?

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क्या छत्तीसगढ़ के सुकमा में माओवादियों का सफाया हो रहा है?

सारांश

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में डीआरजी ने माओवादियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें तीन माओवादी ढेर हुए हैं। क्या यह माओवादी गतिविधियों के अंत का संकेत है?

Key Takeaways

  • डीआरजी ने सफलतापूर्वक तीन माओवादी मारे।
  • माड़वी देवा पर 5 लाख का इनाम था।
  • महिलाओं सहित माओवादी कैडरों की बढ़ती संख्या को समाप्त किया गया।
  • मुठभेड़ में विभिन्न हथियार बरामद हुए।
  • सुरक्षा बलों की कार्रवाई से माओवादी संगठन कमजोर हो रहा है।

सुकमा, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई है। रविवार सुबह से शुरू हुई तुमालपाड़ मुठभेड़ में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की टीम ने तीन माओवादी को मार गिराया।

मारे गए माओवादी कैडरों में जनमिलिशिया कमांडर और स्नाइपर स्पेशलिस्ट माड़वी देवा भी शामिल है, जिस पर 5 लाख रुपए का इनाम था। दो महिला माओवादी, पोड़ियम गंगी और सोड़ी गंगी, भी मुठभेड़ में ढेर हुईं हैं। दोनों पर भी 5-5 लाख का इनाम घोषित था। मुठभेड़ स्थल से .303 राइफल, बीजीएल लॉन्चर, गोला-बारूद और अन्य हथियार बरामद किए गए हैं।

पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने जानकारी दी कि अनेक निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वाला माड़वी देवा अब खत्म हो चुका है। यह मुठभेड़ सुकमा के थाना भेज्जी और चिंतागुफा के सीमावर्ती इलाके में तुमालपाड़ जंगल एवं पहाड़ी क्षेत्र में हुई। विश्वसनीय सूचना के आधार पर डीआरजी ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सुबह से रुक-रुक कर फायरिंग हुई, जिसमें माओवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया गया।

डीआरजी जवानों ने तीन शव बरामद किए, जिनकी पहचान माड़वी देवा (कोंटा एरिया कमेटी सदस्य), पोड़ियम गंगी (सीएनएम कमांडर) और सोड़ी गंगी (किस्टाराम एरिया कमेटी सदस्य) के रूप में हुई। ये सभी माओवादी संगठन के कट्टर कैडर थे, जो आईईडीसुंदरराज पट्टलिंगम ने कहा कि माओवाद बस्तर में अपने अंतिम चरण में है। संगठन की पकड़ कमजोर हो चुकी है और हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर ही एकमात्र विकल्प बचा है। उन्होंने चेतावनी दी कि माओवादियों की दहशत और भ्रम की साजिश अब नहीं चलेगी।

वर्ष 2025 में बस्तर रेंज में अब तक 233 माओवादी मारे जा चुके हैं, जिनमें सेंट्रल कमेटी मेंबर, डीकेएसजेडसी मेंबर और पीएलजीए कैडर शामिल हैं। यह आंकड़ा माओवाद की निर्णायक हार का सबूत है। सुरक्षा बलों, पुलिस और स्थानीय हितधारकों की संयुक्त कार्रवाई से नक्सली ठिकाने तेजी से खत्म हो रहे हैं। मुठभेड़ के बाद डीआरजी, बस्तर फाइटर्स, सीआरपीएफ और अन्य बलों ने आसपास के इलाके में व्यापक सर्चिंग शुरू कर दी है। संभावना है कि और कैडर छिपे हों या घायल हों। ऑपरेशन पूरा होने पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी।

Point of View

लेकिन इस दिशा में और अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
NationPress
16/11/2025

Frequently Asked Questions

सुकमा में मुठभेड़ कब हुई?
मुठभेड़ 16 नवंबर को हुई थी।
डीआरजी ने कितने माओवादी मारे?
डीआरजी ने तीन माओवादी मारे।
माड़वी देवा पर कितना इनाम था?
माड़वी देवा पर 5 लाख रुपए का इनाम था।
कौन-कौन से हथियार बरामद हुए?
मुठभेड़ स्थल से .303 राइफल, बीजीएल लॉन्चर और गोला-बारूद बरामद किए गए।
क्या माओवादी संगठन कमजोर हो रहा है?
हां, पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि माओवादी बस्तर में अपने अंतिम चरण में हैं।
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