क्या अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित की जिंदगी में प्यार था, मगर साथ नहीं?

सारांश
Key Takeaways
- सुलक्षणा पंडित का जन्म 12 जुलाई 1954 को हुआ।
- उन्होंने 9 साल की उम्र में गाना शुरू किया।
- उनका करियर 1967 से 1988 तक चला।
- सुलक्षणा का संजीव कुमार से एकतरफा प्यार था।
- उन्होंने कभी शादी नहीं की।
नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। क्या आप जानते हैं कि अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित का 12 जुलाई को 71वां जन्मदिन है? मानसिक और शारीरिक रूप से बेहद कमजोर हो चुकीं सुलक्षणा पंडित 70 से 80 के दशक की एक जानी-मानी सिंगर और एक्ट्रेस हैं। उन्होंने कई हिट गाने गाए और फ़िल्मों में शानदार प्रदर्शन किया। हालाँकि, सुलक्षणा पंडित बॉलीवुड की उन कलाकारों में से एक हैं, जिन्हें आज के समय में लगभग भुला दिया गया है।
सुलक्षणा का जन्म 12 जुलाई 1954 को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके चाचा जसराज, जो एक प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकार थे, को 'पद्मश्री' पुरस्कार भी मिला था। सुलक्षणा के परिवार में तीन भाई और तीन बहनें हैं। उनके दो भाई (जतिन और ललित) बॉलीवुड के मशहूर गीतकार हैं, जबकि उनकी एक बहन विजयता एक सिंगर और फ़िल्म अभिनेत्री हैं।
सुलक्षणा ने 9 साललता मंगेशकर के साथ फिल्म 'तकरीर' में 'सात संमदर पार से…' गाने से उनका सिंगिंग करियर शुरू हुआ। इसके बाद, उन्होंने 1967 से 1988 तक के अपने करियर में 20 से अधिक फ़िल्मों में अभिनय किया और 21 से अधिक फ़िल्मों में गाने गाए। 1976 में फ़िल्म 'संकल्प' के गाने 'तू ही सागर है, तू ही किनारा...' के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। हालांकि, इसके बाद वह धीरे-धीरे इंडस्ट्री से दूर होती चली गईं, जिसका कारण संजीव कुमार थे, जिनसे उन्हें एकतरफा प्यार था।
1975 में फ़िल्म 'उलझन' की शूटिंग के दौरान सुलक्षणा ने संजीव कुमार से एकतरफा प्यार करना शुरू किया। लेकिन उनकी प्रेम कहानी अधूरी रह गई, क्योंकि संजीव ने उनके प्यार को स्वीकार नहीं किया, चूंकि वह उस समय हेमा मालिनी को पसंद करते थे।
संजीव कुमार का यह प्यार भी सफल नहीं हुआ, क्योंकि हेमा मालिनी ने उनके प्यार को ठुकरा दिया और बाद में धर्मेंद्र से शादी कर ली। इससे संजीव कुमार इतने दुखी हुए कि उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का निर्णय लिया। दूसरी ओर, सुलक्षणा ने भी किसी और से शादी नहीं की।
जब 6 नवंबर 1985 को 47 साल
सुलक्षणा ने जीवन को फिर से जीने की कोशिश की, लेकिन खालीपन और दर्द कभी दूर नहीं हुए। आज भी सुलक्षणा और संजीव की अधूरी प्रेम कहानी बॉलीवुड के उन किस्सों में याद की जाती है, जहाँ प्यार और समर्पण था, लेकिन साथ नहीं था।