क्या सीजेआई के साथ दुर्व्यवहार न्यायपालिका की गरिमा पर हमला है?

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क्या सीजेआई के साथ दुर्व्यवहार न्यायपालिका की गरिमा पर हमला है?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई के साथ दुर्व्यवहार पर कांग्रेस नेताओं ने निंदा की है। क्या यह न्यायपालिका की गरिमा पर हमला है? जानें इस विवाद के बारे में और नेताओं की प्रतिक्रियाएं।

Key Takeaways

  • न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखना आवश्यक है।
  • संविधान की रक्षा में सभी को एकजुट होना चाहिए।
  • घृणा और कट्टरता को समाप्त करना जरूरी है।
  • मुख्य न्यायाधीश पर हमले की निंदा की जानी चाहिए।
  • सामाजिक असमानताओं के खिलाफ संघर्ष जारी रहना चाहिए।

नई दिल्ली, ६ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई के साथ हुई दुर्व्यवहार की घटना पर कांग्रेस के नेताओं, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी शामिल हैं, ने कड़ी निंदा की है। इनका कहना है कि यह न्यायपालिका की गरिमा और विधि के शासन पर एक बड़ा हमला है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा करते हुए लिखा कि सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हमले का प्रयास अभूतपूर्व, शर्मनाक और घृणित है। यह हमारी न्यायपालिका की गरिमा और विधि के शासन पर एक गंभीर हमला है। जब एक वर्तमान मुख्य न्यायाधीश, जो अपनी योग्यता, निष्ठा और दृढ़ता के बल पर देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर पहुंचे हैं, को इस तरह निशाना बनाया जाता है, तो यह एक बेहद विचलित करने वाला संदेश है। यह एक ऐसे व्यक्ति को धमकाने और अपमानित करने का प्रयास है जिसने संविधान की रक्षा के लिए सामाजिक बंधनों को तोड़ा है।

उन्होंने आगे कहा कि ऐसा मूर्खतापूर्ण कृत्य दर्शाता है कि पिछले एक दशक में हमारे समाज में किस तरह से घृणा और कट्टरता व्याप्त हो गई है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से मैं इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। हमारी न्यायपालिका की सुरक्षा सर्वोपरि है। न्याय और तर्क की जीत हो, धमकी की नहीं।

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हमला हमारी न्यायपालिका की गरिमा और हमारे संविधान की भावना पर हमला है। इस तरह की नफरत का हमारे देश में कोई स्थान नहीं है और इसकी निंदा की जानी चाहिए।

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर हमले की कोशिश अत्यंत शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। यह सिर्फ देश के मुख्य न्यायाधीश पर नहीं, बल्कि हमारे संविधान, संपूर्ण न्याय व्यवस्था और कानून के शासन पर हमला है। मुख्य न्यायाधीश ने अपनी मेहनत, लगन और योग्यता के दम पर समाज के सारे बंधनों को तोड़कर सर्वोच्च न्यायिक पद हासिल किया है। उन पर इस तरह का हमला न्यायपालिका और लोकतंत्र दोनों के लिए घातक है। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। यह हमारे संविधान पर हमला है और संविधान विरोधी आरएसएस द्वारा न्यायपालिका के उस शीर्षस्थ अधिकारी को चुनौती देने का एक हताश प्रयास है जो इस संविधान की रक्षा करता है। मुख्य न्यायाधीश गवई सबसे बुरी सामाजिक असमानताओं से जूझते हुए इस मुकाम पर पहुंचे हैं और अपनी योग्यता एवं दृढ़ संकल्प के बल पर उन्होंने यह पद हासिल किया है। उनकी यात्रा और पद का जश्न मनाया जाना चाहिए, उन पर हमला नहीं किया जाना चाहिए। इस घटना के लिए सत्तारूढ़ शासन द्वारा फैलाई गई नफरत और विभाजनकारी भावना जिम्मेदार है। हम इस हमले का पुरजोर विरोध करते हैं।

Point of View

बल्कि पूरे न्यायिक तंत्र पर हमला है। नेताओं की प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि हमारे समाज में असहिष्णुता बढ़ रही है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमें अपने संविधान और न्यायपालिका की रक्षा कैसे करनी है।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

मुख्य न्यायाधीश पर हमले का क्या महत्व है?
यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे न्यायपालिका पर हमला है। यह हमारे संविधान की गरिमा को भी प्रभावित करता है।
कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया क्या थी?
कांग्रेस नेताओं ने इस हमले की निंदा की और इसे न्यायपालिका के लिए घातक बताया।